स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शुद्ध पेयजल पहुंचने से बच्चों की उपस्थिति बढ़ रही है। पशुओं को भी ग्रामीण अब घर पर ही पर्याप्त और शुद्ध जल पिला पाते हैं।

स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शुद्ध पेयजल पहुंचने से बच्चों की उपस्थिति बढ़ रही है। पशुओं को भी ग्रामीण अब घर पर ही पर्याप्त और शुद्ध जल पिला पाते हैं।
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स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शुद्ध पेयजल पहुंचने से बच्चों की उपस्थिति बढ़ रही है। पशुओं को भी ग्रामीण अब घर पर ही पर्याप्त और शुद्ध जल पिला पाते हैं।
मंदसौर जिले के ग्राम राकोदा की रहने वाली श्रीमती रामकन्या सोलंकी कहती है कि अब जल जीवन मिशन के माध्यम से हम को घर बैठे ही टोटी के माध्यम से पर्याप्त शुद्ध जल मिल रहा है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल योजना से मंदसौर जिले की हर ग्राम पंचायत में ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं। अब उन्हें घर पर लगी टोटी से ही शुद्ध और पर्याप्त जल मिल रहा है। पहले एक मटका पानी भरने के लिए भी खासी मेहनत करनी पड़ती थी। कुओं और दूर दराज के जल स्त्रोतों से पानी ढ़ोना पड़ता था। जिसमें विशेषकर घर की महिलाओं और युवाओं का समय बर्बाद होता था, लेकिन अब जल जीवन मिशन योजना से घर पर ही पर्याप्त और शुध्द पेयजल मिलने से महिलाओं के समय की बचत हो रही है। रामकन्या बताती हैं कि, बचे हुए समय का सदुपयोग ग्राम की महिलाएं अब अपने बच्चों की बेहतर परवरिश में करती हैं। पापड़ बनाने, सिलाई करने एवं अचार बनाने जैसे कार्य ग्रामों में कुटीर उद्योग का रूप लेते जा रहे हैं। जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर और सशक्त हो रही हैं। दूसरी ओर बच्चों और युवा ग्रामीणों का समय बचने से वे स्कूल और कॉलेज समय पर जाकर अब बेहतर ढ़ंग से पढ़ाई कर पा रहे हैं। शुध्द पेयजल मिलने से लोग अब बार-बार ज्यादा बीमार भी नहीं होते हैं। अब सभी स्वस्थ रहते हैं। घर पर नल लगने से बहुत सुविधा हो गई है। पानी भरने में लगने वाला समय बहुत कम हो गया है। युवाओं को पढ़ने का पर्याप्त समय मिल जाता है। स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में भी शुद्ध पेयजल पहुंचने से बच्चों की उपस्थिति बढ़ रही है। पशुओं को भी ग्रामीण अब घर पर ही पर्याप्त और शुद्ध जल पिला पाते हैं। एक समय था जब हमें शुद्ध जल को लेकर हमेशा चिंता रहती थी और उसके लिए 2 दिन पहले ही बंदोबस्त करना पड़ता था। लेकिन जल जीवन मिशन के माध्यम से अब इस तरह की सारी चिंताएं समाप्त हो गई है।