नंन्ही बच्ची की कलेक्टर बनने की चाहत उसे खीच लाई कलेक्टर साहब के पास

नंन्ही बच्ची की कलेक्टर बनने की चाहत उसे खीच लाई कलेक्टर साहब के पास
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नंन्ही बच्ची की कलेक्टर बनने की चाहत उसे खीच लाई कलेक्टर साहब के पास
सिंगरौली
डीएव्ही स्कूल बैढ़न के 5 वी की छात्रा आफरीन अली पिता नवाब अली जब अपने घर से विद्यालय जा रही थी तो रास्ते में उसे कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला की गाड़ी दिखी। तब उसके मन विचार आया कि आखिर कलेक्टर कौन होते है तथा उनका कार्य क्या  होती। क्योकि जब वह देखती है कि कलेक्टर साहब उसके स्कूल में आते है यह कही और जाते है। तो सभी कलेक्टर साहब आए है कलेक्टर साहब आए कहकर उनका अभिवादन करते है। इन्ही जिज्ञासु प्रश्नो का उत्तर पाने के लिए आफरीन ने अपने शिक्षक से आग्रह किया वह कलेक्टर साहब से मिलना चाहती है। बच्ची की जिज्ञासा को देखकर उसके शिक्षक उसे अपने साथ लेकर कलेक्टर आफिस पहुचे तथा उसके नाम की पर्ची कलेक्टर साहब के पास भेजी।
  पर्ची मिलते ही कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला ने बच्ची को अपने पास बुलाया तथा उसके आने के कारण जाना। आफरीन जब कलेक्टर साहब से मिली तो बड़े आत्म विश्वास के साथ कलेक्टर का अभिवादन किया तथा पूछा की सर मै कलेक्टर कैसे बन सकती हू।  कलेक्टर श्री शुक्ला ने बच्ची से पूछा कि तुम कहा पढ़ती हो तथा तुम्ह किस विषय को पढ़ने मे ज्यादा रूचि है। तब आफरीन बताया कि वह डीएव्ही विद्यालय बैढ़न  के 5 वी कक्षा की छात्रा तथा नवोदय  विद्यालय तथा सैनिक स्कूल के प्रवेश परीक्षा की  तैयारी भी कर रही है। भविष्य में आई.ए.एस बनना चाहती है।
     कलेक्टर ने छोटी बच्ची आफरीन को अपने पास बिठाकर उसके सभी जिज्ञासु प्रश्नो का उत्तर देकर उसकी जिज्ञासा को शांत किया तथा कहा कि कलेक्टर बनने के लिए तुम्हे पूरे मनोयोग से पढ़ना होगा। साथ ही कलेक्टर ने कहा कि पढ़ने के साथ ही खेलो कूदो समय पर सोया करो तथा अच्छे दोस्त भी बनाओं। क्योकि जब तुम स्वस्थ्य रहोगी, खुश रहोगी तभी अच्छे से पढ़ाई कर सकोगी। बच्ची के सभी प्रश्नो का स्नेह पूर्वक उत्तर देते हुये कलेक्टर ने उसके प्रश्नो का सामाधान किया तथा उसे एक पौधा लगाने के लिए प्ररित किया तथा अंत में उसे चाकलेट भेट कर खुशी खुशी घर जाने के लिए विदा किया।