मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज नए रविन्द्र भवन के गौरान्जनी सभागार में मध्यप्रदेश से वाघा बार्डर जा रही 120 बेटियों को रवाना किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज नए रविन्द्र भवन के गौरान्जनी सभागार में मध्यप्रदेश से वाघा बार्डर जा रही 120 बेटियों को रवाना किया।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज नए रविन्द्र भवन के गौरान्जनी सभागार में मध्यप्रदेश से वाघा बार्डर जा रही 120 बेटियों को रवाना किया।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राष्ट्र की सीमाओं तक जाकर सेना के दायित्व निर्वहन को देखना युवाओं में राष्ट्र प्रेम की भावना मजबूत करने में सहायक हैं। "माँ तुझे प्रणाम'' योजना में वाघा-हुसैनीवाला (पंजाब) के भ्रमण पर जा रही प्रदेश की लाड़ली बेटियों को यह देखने का विशेष अवसर पर मिलेगा कि सैनिक और सुरक्षा बल किस तरह सीमाओं की रक्षा करते हैं। बेटियाँ मध्यप्रदेश की माटी वहाँ ले जा रही हैं, साथ ही वहाँ की माटी भी यहाँ लेकर आएंगी। हमारी बेटियाँ अपनी प्रतिभा से इतिहास रचें, ऐसी कामना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज नए रविन्द्र भवन के गौरान्जनी सभागार में मध्यप्रदेश से वाघा बार्डर जा रही 120 बेटियों को रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेटियों को सुखद यात्रा के लिए शुभकामनाएँ दी।

लाड़ली लक्ष्मी योजना है बेटियों के सशक्तिकरण का ब्रांड

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2006 में लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ की गई थी। उन्होंने अनेक बेटियों को गोद में उठा कर दुलार भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए सबसे सुंदर पल वही होते हैं जब वे लाड़ली बेटियों के साथ होते हैं। योजना ने बेटियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को बदल दिया है। अब यह योजना मात्र योजना नहीं, बल्कि ब्रांड है बेटियों के सशक्तिकरण का। कहते हैं पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से ही उड़ान होती है। लाड़ली बेटियाँ जीवन में जो भी बनना चाहे बन सकती हैं। बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने का प्रयास सभी बेटियों को करना है। बेटियाँ ऐसी भूमिका निभाये कि माता-पिता भी गर्व करें। मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों की उच्च शिक्षा की फीस भरने का जिम्मा राज्य सरकार ने लिया है। हम सभी बेटियों को आकाश में उड़ान भरने दें। पढ़ाई के साथ खेल क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने का कार्य करें। खेलो इंडिया में भी बेटियों ने प्रतिभा प्रदर्शन किया। किसी भी क्षेत्र में बेटियाँ पीछे नहीं हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रारंभ में बालिका सुश्री सलोनी श्रीवास्तव कक्षा 12वीं ने वर्ष 2022 की यात्रा के अनुभव सुनाए। अनुभव की प्रभावी प्रस्तुति पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्न होकर बधाई और आशीर्वाद दिया। इस वर्ष वाघा बार्डर पर जा रही कुमारी सुभाषिनी साहू कक्षा 12वीं ने भी विचार रखे। मुख्यमंत्री ने हरी झण्डी दिखा कर वाघा बार्डर जा रहे वाहनों को रवाना किया। मुख्यमंत्री ने लाड़ली लक्ष्मी उत्सव पर केंद्रित पुस्तिका का विमोचन भी किया।

खेल, युवक कल्याण तथा तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि "माँ तुझे प्रणाम'' योजना बेटियों का सेल्फ कांफिडेंस बढ़ाती है। युवा आजकल डिजिटल वर्ल्ड में मशरूफ रहते हैं। युवाओं को देश-प्रेम के साथ हमारी ऐतिहासिक संस्कृति से जुड़ना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि असंख्य जवानों ने सीमा पर देश के लिए अपनी जान दी है। वे हर परिस्थिति में हमारे लिए खड़े रहे और देश के लिए न्यौछावर हुए। यह अनुभव यात्रा बेटियों को हर चुनौती का सामना करने का हौसला देगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेटियों से संवाद कर वाघा बॉर्डर जा रहे दल को राष्ट्र ध्वज सौंपा। सुश्री सुहासिनी के मध्यप्रदेश गान से आरंभ और समापन राष्ट्रगीत वंदे-मातरम के गायन से हुआ। मुख्यमंत्री ने कन्या-पूजन कर बेटियों के साथ समूह चित्र भी खिंचवाया। खेल संचालक श्री रवि गुप्ता और महिला-बाल विकास आयुक्त श्री आर.आर. भोंसले भी उपस्थित थे। संयुक्त संचालक डॉ. प्रज्ञा अवस्थी ने लाड़ली लक्ष्मी उत्सव की जानकारी दी।