500 साल पुराना है फूलमति माता का ये चमत्कारी मंदिर, चरणों के नीर से दूर होती आंखों की समस्या

500 साल पुराना है फूलमति माता का ये चमत्कारी मंदिर, चरणों के नीर से दूर होती आंखों की समस्या
 | 
500 साल पुराना है फूलमति माता का ये चमत्कारी मंदिर, चरणों के नीर से दूर होती आंखों की समस्या

शाहजहांपुर में वैसे तो अनेकों मंदिर हैं. लेकिन, इन सब मंदिरों में खास है मोती चौक इलाके में स्थित फूलमती माता का प्रसिद्ध मंदिर. यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है. मान्यता है कि फूलमती माता के चरणों से निकलने वाले जल को अगर आंखों में लगाया जाए तो आंखें स्वस्थ हो जाती हैं. आंखों की रोशनी बढ़ जाती है. यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यहां रोजाना सैकड़ो की संख्या में भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं.

मंदिर के महंत विजयगिरी ने बताया कि यह मंदिर 500 साल पुराना है. उनके पूर्वज पंडित सुखलाल फूलमती माता के परम भक्त थे और माता जी ने प्रसन्न होकर उनको दर्शन दिए. इसके बाद सुखलाल कन्नौज स्थित फूलमती माता के मंदिर से माता के चरण (कन्नौज के फूलमती माता मन्दिर की एक ईंट) अपने सिर पर रखकर लेकर आए और यहां स्थापित कर दिए. विजय गिरी बताते हैं कि यहां स्थापित माता के चरणों के दर्शन करने अब दूर-दूर से भक्त आते हैं.

आंखों की बीमारियां होती हैं दूर
महंत विजय गिरी ने बताया कि माता के चरणों से निकलने वाले नीर को आंखों की बीमारी से पीड़ित मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की नजर कमजोर है और वह इस नीर को आंखों पर लगाते हैं तो उनकी नजर वापस आ जाती है. महंत विजय गिरी ने बताया कि पंडित सुखलाल के बाद लगातार उनके पूर्वज माता के मंदिर में सेवा करते चले आ रहे हैं. अब उनकी नौवीं पीढ़ी यहां मंदिर की देखरेख कर रही है.

दो शिवलिंग वाला शिव मंदिर
फूलमती माता मंदिर के पास में ही भगवान शिव जी का मंदिर है. इस मंदिर में दो जुड़वा शिवलिंग स्थापित हैं. यहां खास बात यह है कि यह दोनों शिवलिंग दिन भर में कई बार रंग बदलते हैं. यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाओं को भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं.