महासागर नौकायन दौड़ का आयोजन 22 से 26 नवंबर, 2023 तक निर्धारित किया गया है। इस दौड़ का आयोजन दक्षिणी नौसेना कमान (एचक्यूएसएनसी) के मुख्यालय द्वारा किया जा रहा है
भारतीय नौसेना भारत में महासागर नौकायन में अग्रणी रही है। समुद्र में साहसिक कार्यों से परिपूर्ण रोमांच को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय नौसेना द्वारा दिल्ली के नौसेना मुख्यालय (एनएचक्यू) में स्थित भारतीय नौसेना सेलिंग एसोसिएशन (आईएनएसए) के अंतर्गत कोच्चि से गोवा तक एक अंतर-कमांड महासागर नौकायन दौड़ का आयोजन 22 से 26 नवंबर, 2023 तक निर्धारित किया गया है। इस दौड़ का आयोजन दक्षिणी नौसेना कमान (एचक्यूएसएनसी) के मुख्यालय द्वारा किया जा रहा है और इसे कोच्चि स्थित एएसडब्ल्यू स्कूल, भारतीय नौसेना के ऑफशोर सेलिंग क्लब और गोवा स्थित आईएनएस मंडोवी के महासागर सेलिंग नोड द्वारा समन्वित किया जा रहा है।
इस आयोजित कार्यक्रम में 40 फुट लंबे चार भारतीय नौसेना नौकायन जहाजों (आईएनएसवी) में बुलबुल, नीलकंठ, कदलपुरा और हरियाल भाग लेंगे। यह दौड़ नौसेना बेस, कोच्चि से शुरू होकर गोवा तक लगभग पांच दिन में 360 एनएम की अनुमानित दूरी तय करेगी।
इन नौकायन अभियानों के लिए चालक दल का चयन पर्याप्त अनुभवी समुद्री नौकायन स्वयंसेवकों में से किया जाता है। महासागर नौकायन एक अत्यंत कठिन और साहसिक खेल है। भारतीय नौसेना अपने आवश्यक समुद्री कौशल और मशीनरी प्रबंधन कौशल का संचालन करते हुए चालक दल में साहस की भावना पैदा करने और जोखिम-प्रबंधन क्षमताओं में प्रगति लाने के लिए समुद्री नौकायन नौकाओं का उपयोग करती है।
इस दौड़ में चार भारतीय नौसेना नौकायन जहाजों (आईएनएसवी) पर आठ महिला अधिकारियों/अग्निवीरों सहित 32 कर्मी भाग लेंगे। प्रत्येक आईएनएसवी में नौसेना की तीन कमानों के आठ कर्मी और अंडमान एवं निकोबार कमान और नौसेना मुख्यालय (एनएचक्यू) की एक संयुक्त टीम शामिल होगी। इनमें सबसे वरिष्ठ प्रतिभागी कोमोडोर रैंक का होता है और सबसे कनिष्ठ प्रतिभागी अग्निवीर रैंक का होता है।
भारतीय नौसेना का मानना है कि इन छोटे जहाजों पर नौकायन अपने कर्मियों के बीच "आवश्यक समुद्री-बोध" और प्रकृति के तत्वों के प्रति सम्मान पैदा करने का सर्वोत्तम पथ है, जो सुरक्षित और सफल समुद्री यात्रा से अभिन्न है। वे नए नौसेना कर्मियों के बीच साहस, सौहार्द, सहनशक्ति और मनोबल बढ़ाने का भी कार्य करते हैं।