यह सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की उत्कृष्टता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है।

यह सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की उत्कृष्टता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है।
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यह सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की उत्कृष्टता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है।

एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (एईएसआई) द्वारा 18 और 19 नवंबर, 2023 को नई दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में ‘2047 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन’ विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु प्रमुख संगोष्ठी और सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगी। इस आयोजन के सम्मानित अतिथियों के तौर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह; नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वीके सिंह (सेवानिवृत्त) व रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट शामिल होंगे।

यह सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की उत्कृष्टता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र की यात्रा के 75 वर्षों के सार-संग्रह के साथ-साथ विजन डॉक्यूमेंट 2047 का विमोचन भी किया जाएगा। इस आयोजन के माध्यम से पिछले 75 वर्षों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र में भारत की सफलता पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा, जिसमें उपलब्धियों, तकनीकी प्रगति व महान दूरदर्शी व्यक्तियों की भूमिका को प्रदर्शित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप और विद्यार्थियों सहित लगभग 1,500 प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस दौरान 75 से अधिक स्टार्ट-अप के साथ ही करीब 200 औद्योगिक इकाईयां और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रदर्शनी में स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में कई संगठनों/विभागों के प्रमुख महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने विचार साझा करेंगे।

इस सम्मेलन में भारतीय पक्ष के प्रमुख वैज्ञानिक/प्रौद्योगिकीविद्/सेवा अधिकारियों के साथ ही सफ्रान, रोल्स रॉयस, लॉकहीड मार्टिन, एमआईटी यूएसए और क्रेनफील्ड यूके से आने वाले जाने-माने वक्ताओं के साथ तकनीकी सत्र आयोजित किये जाएंगे। इस कार्यक्रम में एक स्टार्ट-अप चुनौती भी शामिल है जो पूरे देश भर में आयोजित हुई है। अंतिम दौर में पहुंचने वाले लोग “2047 तक भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास” के लिए अपने दृष्टिकोण के साथ-साथ अपने अभिनव विचारों एवं उत्पादों को प्रस्तुत करेंगे। इस आयोजन के माध्यम से देश के युवाओं के साथ जुड़ने के लिए कई अन्य कार्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है।

एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की स्थापना वर्ष 1948 में प्रधानमंत्री को प्रमुख संरक्षक के रूप में रखते हुए भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। इसको प्रारंभ करने का उद्देश्य उद्योग जगत, शिक्षा एवं अनुसंधान प्रयोगशालाओं सहित विभिन्न धाराओं के बीच वैमानिकी विज्ञान तथा विमानन अभियांत्रिकी के ज्ञान की उन्नति व राष्ट्रव्यापी प्रसार को बढ़ावा देना है।

एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और विमानन के क्षेत्र में अपने सदस्यों एवं अध्यक्षों के रूप में उत्कृष्ट दिग्गजों के साथ देश को महत्वपूर्ण नेतृत्व प्रदान किया है, इनमें प्रमुख रूप से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, डॉ. सतीश धवन, डॉ. वीएस अरुणाचलम, डॉ. वीके सारस्वत आदि शामिल हैं। यह पूरी तरह से देश में विकास के लिए उत्प्रेरक रहा है। सरकार ने भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उद्योग तथा एक सशक्त एयरोस्पेस इकोसिस्टम का विस्तार करने के लिए निजी क्षेत्र व शिक्षा जगत के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया है।

एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व अनुसंधान संगठनों से प्रतिष्ठित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पेशेवर, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उद्योगों एवं शिक्षा जगत के जाने माने लोगों द्वारा किया जाता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के पूर्व सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी.सतीश रेड्डी वर्तमान में इसकी अध्यक्षता संभाल रहे हैं और इसरो के अध्यक्ष श्री एस सोमनाथ मनोनीत अध्यक्ष हैं।