गरीबों के मुँह से छीना निवाला शिवराज सरकार ने किया अनाज घोटाला !

भाजपा न जाएगी 50 के पार - तभी खत्म होगी महंगाई और घोटालों की मार
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गरीबों के मुँह से छीना निवाला शिवराज सरकार ने किया अनाज घोटाला !


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ऐसे अच्छे दिन किसी के भी न आएं
ऐसे अच्छे दिन किसी के भी न आएं
महंगाई आसमान छूती जाए
टमाटर लाल आँख दिखलाए
पेट्रोल-डीज़ल अब सेन्चुरी लगाए
प्याज़ खून के आंसू रुलवाए
सिलेण्डर में गैस नहीं भरवा पाए
थाली से खाना गायब होता जाए

कि जीना तो दुश्वार हो गया
जनता पे अत्याचार हो गया
महंगाई का भूचाल हो गया
नौकरियों का अकाल हो गया
कि MP तो बद्हाल हो गया !!!

        

प्याज और नमक से रोटी खा कर अपना पेट पालने वाले गरीब की व्यथा से, एक-एक रुपया बचा कर अपना घर चलाने वाली गृहणी के चौपट घरेलु बजट से, आसमान तक पहुँचे सब्ज़ियों के दामों के बावजूद आत्महत्या की कगार पर खड़े किसान की बदहाली से ....
सत्ता के चमचमाते सिंहासन पर बैठे शिवराज सिंह चौहान का कोई सरोकार नहीं, कोई लेना-देना नहीं।

एक कांग्रेस का शासन था जब बटुए में पैसा ले कर जाते थे और थैला भर सामान ले कर आते थे और अब भाजपा के शासन में वो समय आ ही गया जब थैले में पैसा ले कर जाएँ और बटुए में सामान लाएँ।

मुझे याद है कि मोदी जी ने कहा था चीन को लाल आँख दिखाएँगे और 250 रू. किलो तक पहुँच कर टमाटर जनता को लाल आँख दिखा रहा था। आज, 80-90 रू. किलो मिल रही प्याज जनता को खून के आँसू रुला रही है। प्याज की माला पहन कर कांग्रेस के नेता इसलिए मंच पर बैठे हैं ताकि चिर निद्रा में सोए शिवराज सिंह अपनी नींद से जागें और याद करें कि प्याज की कीमतों में आया उछाल, तख्त-ओ-ताज उछालने का माद्दा रखता है। एक तरफ़ तो बहन-बेटियों को ‘लाड़ली’ कहते हैं और दूसरी तरफ़ महंगाई की चौतरफ़ा मार सह रही बहन-बेटियों का मज़ाक बनाते हैं। अगर घर में खाना कम बने तो वो घर की महिला ही है जो एक रोटी कम खाती है, बिना सब्जी के खाती है, पहले और परिवार जनों का पेट भरती है। खाना न बचे तो पानी पी कर ही सो जाती है। उस बहन-बेटी के आंसू की कोई कीमत नहीं शिवराज सिंह के लिए।

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने तो प्याज की बढ़ती कीमतों से पल्ला झाड़ते हुए कह दिया था कि ‘‘मैं तो प्याज नहीं खाती’’ यानि प्याज महंगी हो तो जनता प्याज खाना छोड़ दे। फिर मध्यप्रदेश के भाजपा नेता कौन से कम हैं। भाजपा मंत्री रहे प्रदुम्न तोमर जी ने कहा कि महंगाई बढ़ गयी है, पेट्रोल डीज़ल का भाव दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है, तो जनता साइकिल चलाए। विश्वास सारंग जी से महंगाई पर जवाबदेही मांगी गयी तो कहते हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त 1947 को लाल किले से जो भाषण दिया था उससे महंगाई बढ़ी है। आप सब को याद होगा कि भाजपा सांसद और मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जिन्हें ज़बरदस्ती विधानसभा चुनाव लड़वाया जा रहा है, पिछले साल उनका एक वीडियो बड़ा वायरल हुआ था जिसमें एक 15 रू. के भुट्टे ने उन्हें महंगाई का एहसास करवाया था। मुफ़्त के भुट्टे की डिमांड कर रहे नेता जी और महंगाई पर ऊल-जलूल बयानबाज़ी करते भाजपा के तमाम नेता जनता के ज़ख्मों पर मलहम लगाने के बजाए नमक रगड़ने का काम करते हैं।

मंडियों में, ढेलों-दुकानों पर आम-आदमी को तो सब्ज़ी महंगी मिलती है पर किसान हाथ मलते रह जाते हैं। शिवराज सरकार के कुशासन में साल दर साल यही होता रहा पर सरकार ने अपनी गलतियों से कोई सीख नहीं ली। पिछले साल की ही खबर है कि प्याज के दामों ने किसानों को खूब रुलाया क्योंकि बिक्री के बाद खेती की लागत तो दूर किसानों के TRANSPORT का खर्चा तक नहीं निकला। शाजापुर मंडी में तो किसानों से 300 किलो प्याज सिर्फ़ 2  रू. में खरीदा गया।

पिछले साल ही लहसुन के सबसे बड़े उत्पादक रतलाम, मंदसौर, नीमच, इन्दौर की मंडियों में थोक में लहसुन 45 पैसे से 1 रू. प्रति किलो तक खरीदा गया। किसानों ने खूब विरोध प्रदर्शन किए। लहसुन के ढेर पर चढ़ कर नाचे, लहसुन की अर्थी निकाली, बैंड बाजे के साथ बुवाई की पर शिवराज सिंह सरकार ने एक न सुनी।


कांग्रेस के कार्यकाल में जिन स्मृति ईरानी को 400  रू. का सिलेंडर महंगा लगता था, 70  रू. का पेट्रोल महंगा लगता था वो आज मध्यप्रदेश में मिलने वाले 1100  रू. के सिलेंडर और 110 रू. के पेट्रोल पर मुँह में दही जमा कर बैठी हैं। अभी मीनाक्षी लेखी आयीं थीं। बड़े-बड़े प्रवचन दे कर गयीं। थोड़ा ये भी बतातीं कि मध्यप्रदेश में 3 साल में खाने के तेल के दाम दुगने क्यों हुए? पिछले 1 साल में आटा 37 प्रतिशत महंगा क्यों हुआ? दूध, घी, पनीर, लस्सी, छाछ पर 5 प्रतिशत GST क्यों लगा ? सांची का पनीर, पेड़ा, श्रीखंड, मठा, मीठा दूध महंगा क्यों हुआ ? लफ़्फाज़ी करना बहुत आसान है स्मृति जी, मीनाक्षी जी लेकिन जनता के सवालों का जवाब देना आपके बस की बात नहीं !!!

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और अब आज की ही एक खबर की बात करती हूँ। जबलपुर से आया 20 हज़ार क्विंटल घटिया गेंहू राशन की दुकानों पर धड़ल्ले से बटने लगा। झूठ और घोटालों का गोदाम बने शिवराज सरकार में, राशन की दुकानों पर अनाज भी घटिया मिल रहा है। मध्य प्रदेश के लोगों को राशन में मिलने वाला ईंट पत्थरों से भरा, गेहूं-चावल इतना घटिया कि इंसान तो क्या जानवर भी ना खाएं !

हजारों क्विंटल घटिया अनाज, लाखों रुपए खर्च कर राशन की दुकानों में जबरन सप्लाई किया जा रहा है ! लाखों रुपए परिवहन पर भी खर्च कर दिए गए। सप्लाई रोकी जाने पर जनवरी में अनाज का संकट मंडराने की भी आशंका है। ऐसा लगता है कि बच्चों के पोषण आहार में भी घोटाला करने वाली भाजपा सरकार, अपनी निश्चित विदाई का बदला क्या अभी से लेने में लग गई ? जाते-जाते भी लोगों को ठगने और साजिश करने से शिवराज सरकार बाज नहीं आ रही। मगर याद रहे मध्य प्रदेश के लोगों से हकमारी करने वाला कोई घोटालेबाज़, बच नहीं पाएगा !

कमीशनखोरों और भ्रष्टाचारियों की उल्टी गिनती अब शुरू हो गई है....

अंत में मैं यही कहूंगी कि पिछले चुनाव में भाजपा ने नारा दिया - अबकी बार 200 पार और अपने कार्यकाल में टमाटर, अदरक, धनिया और खाने के तेल को 200  रू. के पार पहुँचा दिया। इस चुनाव में भाजपा कह रही है - अबकी बार 150 पार तो प्याज और लहसुन, पेट्रोल और डीज़ल को 150  रू. के पार पहुँचाने की तैयारी है।

इसीलिए अब जनता ताल ठोक कर कह रही है -