छह माह तक चलेगा प्रदेश में भर्तियों का अभियान

छह माह तक चलेगा प्रदेश में भर्तियों का अभियान
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छह माह तक चलेगा प्रदेश में भर्तियों का अभियान

जून से होंगी शुरु, नवंबर तक होंगी अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित

भोपाल । सरकारी नौकरी में जाने का इंतजार कर रहे प्रदेश के लाखों लोगों के लिए अच्छी खबर है। यह खबर है विभिन्न सरकारी एजेंसियों से, जो एक माह बाद बड़े पैमाने पर भर्ती परीक्षाएं शुरु करने जा रहे हैं। यह परीक्षाएं जून से शुरु होकर नबंवर तक यानि कि अगले छह माह तक आयोजित की जाएंगी। दरअसल, प्रदेश में लगभग हर सरकारी विभाग में इन दिनों बड़े पैमाने पर पद रिक्त चल रहे हैं। युवकों को इन विभागों में लंबे समय से भर्ती का इंतजार बना हुआ है। इसके लिए सरकारी भर्ती एजेंसियों द्वारा परीक्षा आयोजित करने की तैयांरियां तेजी से की जा रही हैं। इन भर्ती परीक्षाओंं को मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग (एमपीपीएससी) और कर्मचारी चयन आयोग (ईएसची) द्वारा आयोजित किया जाएगा।
फिलहाल जून से नवंबर के बीच 9 विभागों में भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित करने की तैयारियां कर ली गई हैं। इन परीक्षाओं के माध्यम से करीब 30 हजार पदों को भरा जाना है। इन परीक्षाओं में करीब 5 लाख से अधिक युवाओं के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है।  दिसंबर अंत तक इन परीक्षाओं के अलावा भी कई अन्य भर्ती परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। भर्ती परीक्षाओं के होने से विभागों का काम सुचारू होगा। साथ ही युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का मार्ग प्रशस्त होगा। सरकारी कॉलेजों में 2 हजार से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती होना है। यह परीक्षा 9 जून को आयोजित की जाएगी। इसके लिए 70 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। वहीं दूसरी बड़ी भर्ती परीक्षा इसीबी द्वारा अगस्त में आयोजित की जाएगी, इसके माध्यम से माध्यमिक शिक्षक (खेल, गायन, वादन व नृत्य तथा प्राथमिक शिक्षकों का चयन किया जाएगा। यह परीक्षा शिक्षा विभाग में खाली 24 हजार पदों के लिए आयोजित की जाएगी। इसमें 18 हजार माध्यमिक और 6 हजार प्राथमिक शिक्षक भर्ती में पद शामिल हैं।

इन परीक्षाओं का हो चुका है आयोजन
पूर्व में परीक्षा कर उच्च माध्यमिक शिक्षकों के  8 हजार 720 पदों के लिए भर्ती परीक्षा कराकर परीणामों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। आचार संहिता खत्म होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग भर्ती शुरू कर सकता है। वहीं 456 पदों के लिए राज्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा एमपीपीएससी द्वारा  हाल ही में आयोजित की जा चुकी है। इसी तरह से राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा में भी 2 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इन पदों पर भी आचार संहिता के बाद भर्ती की जाना है।

दो दर्जन से अधिक विभागों के प्रस्ताव अटके
आयोग में तीस विभागों के परीक्षा प्रस्ताव लंबित पड़े हैं। इनमे कुछ प्रस्ताव कर्मचारी चयन आयोग में तो ऐसे है, जो विधानसभा चुनाव के पूर्व भेजे गए थे। विभागों के प्रमुख सचिवों की चर्चा भी आयोग के अफसरों के साथ हो चुकी है, लेकिन उसमें परीक्षाओं को लेकर एक राय नहीं बन सकी। इस बीच लोकसभा चुनाव आ जाने से मामला अटक गया है। अब अगले माह चुनाव परिणाम आते ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हठ जाएगी। इसके बाद परीक्षाओं का अयोजन किया जाएगा। किस विभाग की और किन पदों के लिए पहले परीक्षा कराई जाएगी, इसके लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है। इसकी वजह है पिछले साल से कई परीक्षाओं का मामला अटका हुआ है। नतीजतन हर दिन दो से तीन विभागों की बैठके पीईबी कर परीक्षा तारीखों पर विचार कर रहा है।

इन विभागों के प्रस्ताव लंबित

कर्मचारी चयन आयोग का कहना है कि तीस विभागों में परीक्षाओं के प्रस्ताव लंबित है, इनमें ऊर्जा, खनिज, अर्थिक सांख्यिकी, वन, लोक स्वारण्य परिवार कल्याण विभाग, कृषि कल्याण, सहकारिता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण, ग्रामीण यांत्रिकी, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा स्कूल शिक्षा, पशु पालन, सहित अन्य विभाग शामिल है, जिनमें भर्तिया होना है। विभागों में राज्य से लेकर जिला और ब्लाक स्तर पर पद खाली है, जिनको भरा जाना है। इसके अलावा पीएटी पीईटी सहित कई प्रवेश परीक्षाए है, जिनके प्रस्ताव कर्मचारी चयन आयोग में पड़े हुए है।