चुनाव आयोग के पोर्टल पर भरा गया नामांकन हुआ एक झटके में रद्द। गाजियाबाद रिटर्निंग ऑफिसर के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी ने उठाया लापरवाही और अनियमितता का सवाल ?

राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी ने भारत चुनाव आयोग एवं सुप्रीम कोर्ट तथा राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाई
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चुनाव आयोग के पोर्टल पर भरा गया नामांकन हुआ एक झटके में रद्द। गाजियाबाद रिटर्निंग ऑफिसर के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी ने उठाया लापरवाही और अनियमितता का सवाल ?



गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) :  12 अप्रैल 2024
गाजियाबाद के शंभू दयाल कॉलेज की बी. एड. फाइनल ईयर की छात्रा, राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी की युवा नेता - बहन मोनिका गौतम लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने के लिए अपनी तमाम आशाओं को समेटे हुए  01 अप्रैल, 2024 को नामांकन दस्तावेजों की 02 सेट  रिटर्निंग ऑफिसर को दी। लेकिन सिर्फ 01 सेट की रिसीविंग मोनिका गौतम को प्राप्त हुई।  तब मोनिका गौतम द्वारा 03 अप्रैल 2024 को भारत चुनाव आयोग के पोर्टल पर अपना नामांकन ऑनलाइन भरा गया और जमा किया गया।  नियमनुसार  04 अप्रैल 2024 को सुबह 11 बजे पोर्टल द्वारा बताये गए समय पर मोनिका गौतम, रिटर्निंग ऑफिसर के पास दस्तावेज जमा करने गई जिसे रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा लेने से इंकार कर दिया गया। तब सीईओ (CEO) लखनऊ व डीएम (DM)  गाजियाबाद के हस्क्षेप के बाद नामांकन स्वीकार किया। 

मोनिका गौतम द्वारा 03 नामांकन भरे गए थे। जिसमे से केवल 02 की संवीक्षा हुई। तथा नामांकन निरस्त कर दिए। चुनाव आयोग के पोर्टल पर भरे हुए नामांकन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया की "शपथ पत्र प्रारूप 26 के कॉलम 6(1) को चिन्हांकित नहीं किया गया है और यह भी कहा की पूर्ण शपथ पत्र दाखिल हेतु अभ्यर्थी को चेकलिस्ट भी निर्गत की गई है।" जबकि कोई चेकलिस्ट दी ही नहीं गई। 

राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी के विधि सलाहकार एडवोकेट प्रदीप कुमार माहेश्वरी ने बताया कि भारत चुनाव आयोग के दिशा निर्देशन के अनुसार  चेकलिस्ट दी जानी चाहिए। एडवोकेट माहेश्वरी ने आगे बताया कि ऑनलाइन भरे गए नामांकन पत्र पर किसी भी प्रकार का बदलाव (Altration) अनुचित एवं अवैधानिक है। इसीलिए मोनिका गौतम  द्वारा नियमानुसार जमा किये गए नामांकन पत्र में कोई बदलाव (Altration) नहीं किया गया। एडवोकेट महेश्वरी ने रिटर्निग ऑफिसर के कार्यप्रणाली पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि गाजियाबाद के अन्य लोकसभा प्रत्याशी अतुल गर्ग ने जो शपथ पत्र (प्रारूप 26) जो पोर्टल में उपलब्ध (तथा ऑनलाइन नहीं भरे गए है) है।

शपथ पत्र प्रारूप 26 में किसी में भी कॉलम 5, 6, 6(1) व 6  (क) को चिन्हांकित नहीं किया गया है। उन चारो नामांकनों को स्वीकार कर लिया गया है।   माहेश्वरी ने आगे कहा की या तो भारत चुनाव आयोग का पोर्टल गलत है या फिर रिटर्निंग ऑफिसर?  इसका निर्णय चुनाव आयोग करे। 

इस संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामानुज सिंह ने कहा  कि यह एक गंभीर विषय है। गाजियाबाद से 42 में से 22 नामांकन रिजेक्ट किये गए है। जिसका अर्थ यह है की रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नामांकन लेते समय चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशो का पालन नहीं किया गया है। या तो वह चुनाव आयोग की नामांकन प्रक्रिया से अनभिज्ञ है  या उन्होंने लापरवाही की है।  इसका निर्णय चुनाव आयोग को तत्काल करना चाहिए।

यह बता दे कि शंभू दयाल कॉलेज की छात्रा , मोनिका गौतम जिनकी उम्र 25 वर्ष है और जो दलित परिवार से आती है ने आर्थिक रूप से सक्षम न होते हुए भी लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने का निर्णय लिया। मोनिका गौतम ने बताया की हमारे परिवार ने जो त्रासदी झेली है उसी कारण  मैंने कमजोर, बेसहरा और सताए हुए लोगो की मदद करने का स्वपन बचपन से संजोया है। उन्न्होंने बताया, "मेरे पिता के हार्ट अटैक (2019) के बाद सारी जिम्मेदारी माँ पर थी किन्तु उनका स्वास्थय ठीक न होने के कारण उनकी शिक्षिका की नौकरी छुडवानी पड़ी।  हम तीनो बहने पढाई के साथ-साथ काम करके घर का खर्च चलाती है। लेकिन मेरी जन-सेवा की भावना को देखते हुए हमारी पार्टी (राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामानुज सिंह ने उसे साकार करने का  अवसर दिया। उन्होंने आगे कहा की भारत के संविधान व उसके द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करने वाले अधिकारियो के प्रति उनकी गहरी आस्था और विश्वास था। मैं  सपने में भी नहीं सोच सकती थी की इतने उच्च पदों पर बैठे अधिकारी मेरे साथ छल करेंगे।  

बहन मोनिका गौतम (दलित बेटी) ने कहा की  “मैं गाजियाबाद के मतदाताओं से अपील करती हूँ की मेरे साथ हुए इस छल का उत्तर दें और मतदान के दिन नोटा (NOTA) का बटन दबाये।