नीति आयोग एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने के लिए विकास हेतु डेटा का उपयोग (डी4डी) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करेगा

नीति आयोग एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने के लिए विकास हेतु डेटा का उपयोग (डी4डी) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करेगा
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नीति आयोग एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने के लिए विकास हेतु डेटा का उपयोग (डी4डी) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करेगा

नीति आयोग कल नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में "सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रगति में तेजी लाने के लिए विकास हेतु डेटा का उपयोग (डी4डी)" विषय पर कार्यशाला का आयोजन करेगा। यह जी-20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा (एनडीएलडी) पर चर्चा करने के लिए विभिन्न विषयों पर नीति आयोग द्वारा आयोजित की जा रही फीडर विषयगत कार्यशालाओं की श्रृंखला में दूसरी कार्यशाला है।

यह कार्यशाला भारतीय संदर्भ में विकास के लिए डेटा उपयोग (डी4डी) के जी-20 सिद्धांतों की प्रासंगिकता, आयाम और कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। यह एक दिवसीय कार्यशाला प्रमुख थिंक टैंक और शिक्षाविदों को एकजुट करेगी, जिनका काम अंतर्निहित रूप से केंद्रीय विषय से जुड़ा हुआ है। यह "एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने के लिए विकास हेतु डेटा का उपयोग" के संबंध में आगे बढ़ने की अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा और आगामी राष्ट्रीय कार्यशाला में आवश्यक योगदान प्रस्तुत करेगा।

कार्यशाला में निम्नलिखित विषयों पर चार सत्र शामिल होंगे:

निर्वहनीयता: उच्च गुणवत्ता वाले डेटा और स्थायी डेटा अवसंरचना को बढ़ाना, टिकाऊ विकास के लिए डेटा-सूचित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।

समावेशन: जेंडर और डेटा असमानताओं को दूर करने पर विशेष फोकस के साथ-साथ विकास उद्देश्यों के लिए डेटा के समावेशी उपयोग को बढ़ावा देने के साथ डिजिटल अंतर को पाटना।

प्रौद्योगिकी और वित्त: विकास पहलों की प्रगति और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी सहायता को बढ़ावा देने के साथ-साथ अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त करना।

क्षमता निर्माण: सतत विकास के लिए डेटा-आधारित पहल की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए व्यक्तियों और संगठनों की क्षमता बढ़ाना, सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना और रणनीतिक साझेदारी का पोषण करना।

ऐसी दस फीडर विषयगत कार्यशालाएं 1 नवंबर, 2023 से 9 नवंबर, 2023 तक आयोजित की जा रही हैं। इन कार्यशालाओं के विषयों में जी-20 से जी-21, विकास के लिए डेटा, पर्यटन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, सतत विकास लक्ष्य, व्यापार, भारतीय विकास मॉडल, महिला के नेतृत्व में विकास, बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार और जलवायु वित्त तथा हरित विकास शामिल हैं।