अजाक्स संगठन की मांग को सरकार के समक्ष प्रमुखता से रखेंगे – मंत्री टेटवाल

तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गौतम टेटवाल ने संगठन के कार्यक्रम में कहा
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अजाक्स संगठन की मांग को सरकार के समक्ष प्रमुखता से रखेंगे – मंत्री टेटवाल



भोपाल । राज्य सरकार में तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गौतम टेटवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारियों के संगठन अजाक्स की जो भी मांगे हैं । उन्हें सरकार के समक्ष प्रमुखता से रखा जाएगा । मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि इस संगठन और समाज के प्रदेश विकास में योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है । वह रविवार को रविंद्र भवन में संगठन की साधारण सभा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान संगठन ने मांगों का ज्ञापन भी उन्हें दिया । मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि अजाक्स का विशाल संगठन है इसकी एकजुटता काबिले तारीफ है । उन्होंने कहा कि इस वर्ग की समस्याओं का समाधान करने के लिए वह संगठन और सरकार के बीच सेतु का काम करेंगे । 


सरकार की नीतियों का लाभ अनुसूचित जाति जनजाति को मिलन जरूरी – कंसोटिया  
साधारण सभा में मौजूद प्रान्तीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आईएएस जे. अन कंसोटिया ने कहा कि मौजूदा दौर में अनुसूचित जाति जनजाति समाज को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस वर्ग के बेटा बेटी अभी शैक्षणिक स्तर पर काफी पिछड़े हुए हैं। श्री कंसोटिया ने कहा कि इसलिए हमने संगठन के माध्यम से करियर काउंसलिंग की शुरुआत की थी । ताकि यह बच्चे अपने बौद्धिक बल को बढाते हुए आगे बढ़ सके। श्री कंसोटिया ने स्वीकार किया कि हमारे बच्चे साउथ स्टेट की अपेक्षा शैक्षणिक गुणवत्ता में काफी पिछड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की जो नीतियां तैयार होती है वह जनकल्याण की होती हैं । इन नीतियों में हमारे वर्ग का समावेशन अति आवश्यक हो गया है । श्री कंसोटिया ने अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के युवाओं को रोजगार दिलाने पर भी जोर दिया उन्होंने कहा कि आज शैक्षणिक स्तर 80 के दशक की तुलना में काफी बड़ा हुआ है । लेकिन रोजगार नहीं है । उन्होंने कहा कि रोजगार का विषय एक जन आंदोलन बनना चाहिए क्योंकि हमारे वर्ग के शिक्षित युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा तो यह भविष्य के लिए चिंता की बात होगी ।  उन्होंने कहा कि देश के कई इंस्टिट्यूट ऐसे हैं जहां हमारे बच्चे नहीं पहुंच पाते हैं । 


आरक्षित वर्ग को उनके सांवैधानिक अधिकार दिलाए सरकार – सूर्यवंशी 


 अजाक्स के प्रांतीय महासचिव-इंजी. एस. एल. सूर्यवंशी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरक्षित वर्ग की मूलभूत समस्याओं एवं सांविधिक अधिकारों की तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुए राज्य सरकार से शीघ्र समस्याओं पर निराकरण कराने की अपील की। आपने बताया आज आरक्षित समाज के जो अधिकारी-कर्मचारी- शासकीय सेवा में हैं, उन्हें पात्रता होते हुए भी पदोन्नति से वंचित करना और योग्य तथा पात्र नौजवानों को शासकीय सेवा में नियुक्ति न मिलने, की परिस्थितियों से समाजों में रोष व्याप्त है । अजाक्स पदाधिकारियों ने बताया कि सत्ता समाज पर काबीज लोग आज भी जातीय-दुर्भावना के चलते राज्य शासन के विभिन्न पदों पर आए आरक्षित श्रेणी के लोगों के साथ जातीय भेदभाव कर उन्हें मिलने वाले संवैधानिक और मौलिक अधिकारों से वंचित कर रहे हैं। प्रदेश में शासकीय सेवा में कार्यरत । अजाक्स पदाधिकारियों ने बताया कि सत्ता समाज पर काबीज लोग आज भी जातीय-दुर्भावना के चलते राज्य शासन के विभिन्न पदों पर आए आरक्षित श्रेणी के लोगों के साथ जातीय भेदभाव कर उन्हें मिलने वाले संवैधानिक और मौलिक अधिकारों से वंचित कर रहे हैं । आरक्षित श्रेणी के शिक्षित, जब मैरिट आधार पर पदौन्नत हुए तो, कतिपय मानसिकता से ग्रसित लोगों ने, न्यायपालिका के सहारे उन्हें अवनत (पदच्युत) कराने का कुत्सित प्रयास कर पदोन्नति में मिलने वाले आरक्षण पर ही रोक लगवा दी ? इसका परिणाम यह हुआ कि 2016 से अब तक, राज्य के लगभग हजारों-हजार अधिकारी-कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो गए अथवा दिवगंत हो गए। आज राज्य में वरिष्ठतम पदों पर दिये जाने वाले प्रभार एवं कतिपय सेवावृद्धि से एक अलग परिदृश्य बन रहा है, जिसके कारण न तो पदोन्नतियां हो पा रही हैं और न ही नए पदों की रिक्तियां बनने से नई नियुक्तियां हो पा रहीं हैं। श्री सूर्यवंशी के अनुसार आज हालात यह है कि हर 5वां युवा बेरोजगार है और जो पदोन्नति की योग्यता रखने वाले शासकीय सेवक, पदोन्नतियां न होने से निराश तथा ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं। राज्य के आरक्षित वर्ग में तीव्र आक्रोश पनप रहा है। क्योंकि राज्य के पूर्व मुखिया मुख्यमंत्री ने टी.टी. नगर दशहरा मैदान में 12 जून, 2016 को लाखों अधिकारी/कर्मचारियों की उपस्थिति में वायदा किया था, कि राज्य में पदोन्नति में आरक्षण लागू रहेगा, इसे कोई माई का लाल मेरे रहते हुए समाप्त नहीं कर सकेगा। मुख्यमंत्री जी के इस वायदे पर सम्पूर्ण आरक्षित समाज ने भरोसा दिखाया और कोई बड़ा आंदोलन नहीं करके मुख्यमंत्री जी के एक्शन का इंतजार किया है। अब इंतजार की सीमा पार होते देख आरक्षित श्रेणी के लाखों अधिकारी-कर्मचारी मुख्यमंत्री से एक्शन की मांग कर रहे हैं। अजाक्य की मांगों पर सी.एम. घोषणा के उपरांत भी, राज्य मे पदोन्नति में आरक्षित व्यवस्था बहाल न करने वाले कतिपय अधिकारियों को, उनके पदों से हटाने तथा शीघ्र ही वर्ष 2017 में, माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशन पर माननीय उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के सुझावों तथा मध्यप्रदेश राज्य में अजा-अजजा वर्ग की सर्वांगीण विपन्न परिस्थितियों के डेटा के आधार पर बनाए गए "पदोन्नति नियम" को लागू करने की मांग, हमारा समाज कर रहा है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से संघ के प्रदेश पदाधिकारियों में इजी. एस. एल. सूर्यवंशी, इजी. ए.आर. सिंह, गौतम पाटिल, डॉ. मथुरा प्रसाद, सुश्री निर्मला पाटिल, इजी.एम.सी.अहिरवार, विजय शंकर श्रवण, बंसीलाल धनवाल, अवध नारायण मकोरिया, अशोक बेन, घनश्याम भकोरिया एवं जिला अध्यक्ष विनोद सिंह बट्टी इत्यादि उपस्थित रहे।
प्रवक्ता श्रवण ने किया प्रांताध्यक्ष  के संदेश का वाचन - 


अजाक्स प्रवक्ता श्री विजय शंकर श्रवण ने अजाक्स अध्यक्ष जे.एन कंसोटिया के संदेश का वाचन किया । उन्होंने कहा की एक बार फिर संगठन प्रदेश के वर्तमान मुखिया माननीय डॉ0 मोहन यादव जी की ओर आशा और विश्वास भरी निगाह से देख रहा है कि वर्तमान विषम परिस्थिति पर माननीय मुख्यमंत्री जी क्या एक्शन करते है? क्योंकि घोषणा के बाद भी अजाक्स की कई मांगे क्रियान्वयन का इंतजार कर रही हैं, जिनमें किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ राज्य शासन को नहीं है फिर भी राज्य शासन के कतिपय अधिकारीगण संविधान एवं शासन की मंशा के विपरीत जाकर ऐसे वर्ग हितैषी मुद्दों पर कुंडली जमाए बैठ गए हैं जो अत्यंत घातक और घोर निदंनीय है।


उन्होंने कहा कि अजाक्स संगठन, शासकीय सेवारत् लोगों के साथ-साथ, अपने सामाजिक स्वाभिमान के लिए भी प्रयत्नशील है। हमारे सेवारत् साथियों ने राजधानी भोपाल में, आरक्षित वर्ग का एक सर्व सुविधासम्पन्न आषियाना हो, इसका स्वप्रन देखा था, इन सभी ने उसमें कदम बढ़ाते हुए भोपाल के अत्यधिक मूल्यवान क्षेत्र, लिंक रोड क्र. -2 स्थित पंचषील नगर, जो हमारे प्रांतीय कार्यालय के समीप ही है, पर तीन मंजिला "अजाक्स भवन" का निर्माण कार्य पूर्णतः की ओर है । अजाक्स - भवन हमारे सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों तथा सदस्यों के भूरे भूरे सहयोग से निर्मित हो रहा है। हमारी सोच है कि इस भवन में बंधुओं का परिश्रम तथा अंषदान (आर्थिक सहयोग) शामिल किया जाए; जिससे कालांतर में किसी को यह कहने का अवसर न मिले कि आरक्षित वर्ग का भवन बनाने के लिए हमने, दीगर समाज का सहयोग या उनको धनराषि से इसे निर्मित किया है । यह विषुद्ध रूप से हमारे समाज के ही भीम-उपासकों तथा उनके वंषजों ने, एक-एक रूपये का संचय एवं संग्रह कर निर्मित किया है; जो हमारे स्वाभिमान का प्रतीक है। भवन सचमुच में एक आदर्ष भवन हो, इसके लिए मेरा आप सबसे आत्मीय आग्रह है कि आप सब, जो प्रथम श्रेणी/द्वितीय श्रेणी / तृतीय श्रेणी तथा चतुर्थ श्रेणी के शासकीय कार्य-दायित्व के कार्य का निर्वहन कर रहे हैं, वे ही भवन की संपूर्णतः के लिए आपसी सामन्जस्यपूर्ण तरीके से अपना-अपना आर्थिक योगदान करें ताकि पूज्य बाबा साहेब के सूत्र वाक्य की परिकल्पना को साकार रूप में, दीगर समाज के समक्ष प्रदर्षित किया जा सके।


आप सब अपने-अपने बचत से, स्वयं के विवेकानुसार, अजाक्स भवन के निर्माण के लिए अंषदान कर इस ऐतिहासिक कार्य में अपना योगदान करें। ताकि आपका यह योगदान आने वाली पीढ़ी को यह बताने में, हमें गर्व का अनुभव हो कि इस भव्य और आदर्ष अजाक्स भवन में मेरा ओर मेरे परिवार का भी योगदान है। भवन की परिकल्पना अत्याधुनिक रूप से की गई है। जहां ठहरने के लिए कक्ष होंगे, वहीं सामूहिक कार्यों के लिए सभागृह तथा पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं के साथ-साथ -सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है, भवन आने वाले 50-वर्षों को ध्यान में रखते हुए निर्मित कराया जा रहा है। जहां प्रदेष भर से आने जन-वाले भीम-उपासकों को अपना आषियाना उपलब्ध होगा; जो हम सबके माथे का तिलक होगा।


इस भवन के निर्माण में अपना कृपापूर्ण योगदान करने वाले साथियों को, जो एक मुष्त या 3 - आसान किस्तों में 1.50 लाख रूपये देकर, वे किसी एक कक्ष का नाम, उनके सुझाव अनुसार रखवा सकते हैं। अन्य साथियों द्वारा भी दिए जाने वाले रूपये 1 लाख रूपये 50 हजार, रूपये-25 हजार, रूपये 11 हजार या उससे अधिक रूपये 2 लाख से ऊपर को आर्थिक योगदान करने वाले को विषिष्ट जनों का नाम भवन में लगने वाली पट्टिका में उत्कीर्ण किया जावेगा तथा उन्हें अजाक्स संघ द्वारा सम्मान पत्र देकर उनका अभिनंदन किया जाएगा । मेरी विनम्र प्रार्थना तथा मार्मिक अपील है कि आप अपने समाज प्रमुखों के नाम या अपने परिजनों के नाम से भी भवन निर्माण में समुचित योगदान देकर, भवन में ऐतिहासिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं, जो आपके तथा हमारे समाज की आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अनुपम सौगात होगी।
आभार प्रदर्शन – भोपाल जिलाध्यक्ष इंजी. श्री विनोद भट्टी ने और संचालन प्रांतीय सचिव मंत्रालय प्रकोष्ठ अध्यक्ष घनश्याम भकोरिया ने किया |