एआई को मानव के विकल्प की बजाय सहयोगी की तरह प्रस्तुत किया जाना चाहिए
एआई न केवल हमारे काम को आसान और तेज़ बनाता है, बल्कि हमें नई संभावनाओं की ओर भी ले जाता है। लेकिन अग्रणी तकनीकी कंपनियां नवीनतम और अत्याधुनिक एआई टूल्स का निर्माण करने और उन्हें बाजार में पहले उतारने की अंधी दौड़ में इनका उपयोग करने वाले और इस प्रक्रिया के सबसे महत्वपूर्ण घटक, मानवों की ही अनदेखी कर बैठी है.
बढ़ते उपयोग के साथ लोगों के मन में एआई के प्रति एक अविश्वास के माहौल का निर्माण हो रहा है. लोग चिंतित है कि एआई उनको प्रतिस्थापित कर किसी दानव की तरह उनके रोजगार और नौकरियों को खा जाएगा. वस्तुत: समय की मांग है कि एआई को मनुष्यों के विकल्प की तरह प्रस्तुत करने की बजाय मानव-केंद्रित बनाकर उनके साथी और सहयोगी की तरह पेश किया जाना चाहिए.
मानव समाज में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को सफलता पूर्वक स्थापित करने में मानव-केंद्रित एआई की भूमिका को समझने के लिए वर्क इनोवेशन लैब ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में कई संस्थानों में विभिन्न भूमिका निबाह रहे 4,500 से अधिक कर्मचारियों पर एक सर्वेक्षण किया. इस शोध के नतीजे में यह मालूम हुआ कि अधिकारी स्तर के कर्मचारीयों की तुलना में उनके अधीनस्थ कर्मचारी एआई को अपनी नौकरी के लिए खतरा मानकर उसके साथ न्यूनतम या शून्य लगाव और जुड़ाव रखते हैं. इस शोध से यह स्पष्ट परिलक्षित होता है कि कर्मचारियों को एआई के साथ सहभागिता करने और अपने दैनिक कार्य कलाप में उसे अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है.
मानव-केंद्रित एआई की अवधारणा को प्रवर्तित करने की वजह यह मानना है कि प्रौद्योगिकी को मानव कर्मचारियों की जगह लेने के बजाय उनके साथ काम करके उनकी प्राकृतिक क्षमताओं का संवर्धन करना चाहिए. जब किसी संस्थान में काम कर रहे लोगों की जगह एआई को लगा दिया जाता है तो इंसानी विवेक के बगैर लिए जाने वाले निर्णयों की गुणवत्ता प्रभावित होती है जो संस्थान की साख और प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकती है. लेकिन जब लोग एआई के साथ काम करते हैं, तो एआई उनकी निर्णय लेने की क्षमता का विस्तार कर नतीजों की सार्थकता को बढ़ा देती है. जो संस्थान के हित में होकर उनके लाभ में वृद्धि लाते हैं.
मानव जीवन में जैसे-जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता का दखल बढ़ता जा रहा है, वैसे वैसे उनके मध्य अविश्वास की खाई भी गहराती जा रही है, जिसको पाटे बगैर एआई की व्यापक स्वीकार्यता संदिग्ध है. इन परिस्थितियों में तकनीक पर बहुसंख्य मानव कर्मचारियों का भरोसा जीतने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. मानव-केंद्रित कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक संतुलन स्थापित करती है. वास्तविक लोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ जितना अधिक काम करते हैं, उतने ही बेहतर परिणाम मिलते है. साझा प्रयासों से मिले बेहतर परिणामों के चलते लोगों का कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर भरोसा बढ़ता है जो उन्हे एआई का और अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है. संस्थान के हित में एआई का अधिकतम लाभ उठाने के लिए किसी भी संस्थान को अपने कर्मचारीयों में इस बात की समझ पैदा करने पर प्राथमिकता से जोर देना होगा कि एआई से कैसे जुड़ा जाए.
वर्क इनोवेशन लैब के शोध से पता चलता है कि एआई का समर्थन करने और उसे अपनी कार्य योजना में अपनाने में मध्यम और उच्च स्तर के कर्मचारी अग्रणी हैं. इस वर्ग के 52 प्रतिशत से अधिक लोग हर सप्ताह एआई का उपयोग करते हैं, जबकि निचले स्तर के व्यापक कार्यबल में केवल 36 प्रतिशत लोग इसका उपयोग करते हैं वो भी कभी कभार एक अवांछित मजबूरी के रूप में. इससे पता चलता है कि अधिकारी इस बात से अधिक अवगत हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता निर्णय लेने की क्षमता को कैसे बढ़ा सकती है और नवाचार को बढ़ावा दे सकती है. लेकिन अन्य स्तर के कर्मचारी भरोसे और प्रशिक्षण की कमी के चलते एआई को अपनाने में पिछड़ रहे हैं. इस स्थिति से यह सीखा जा सकता है कि मानव रचनात्मकता के विकल्प की तरह प्रस्तुत करने की बजाय कृत्रिम बुद्धिमत्ता को पुन: परिभाषित कर एक सहयोगी के रूप में पेश किया जाना चाहिए. इस तरीके से अधिक से अधिक कर्मचारियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाने और उसके साथ काम करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.
वैश्विक परिदृश्य में बहुसंख्यक कर्मचारी पहले से ही एआई को अपनाने के व्यावहारिक तरीके खोज रहे हैं, और एक मानव-केंद्रित दृष्टिकोण एआई की स्वीकार्यता को विस्तारीत करने में मदद कर सकता है, जिससे उत्पादकता में अपेक्षित वृद्धि हो सकती है. शोध के अनुसार 30% कर्मचारी कार्रवाई योग्य जानकारी हासिल करने हेतु किए जाने वाले डेटा विश्लेषण के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं. 25% कर्मचारी प्रशासनिक कार्यों को संभालने के लिए एआई का लाभ उठा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप उनको उपयोगी योजनाये और बाजार में दृढ़ता से टिके रहने के लिए रणनीती बनाने के लिए अधिक समय मिल पा रहा है.
संगठनात्मक संचालन में एआई को प्रमुखता से स्थापित करने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण आवश्यक है. जो एक ऐसी सहयोगी और साझा कार्य संस्कृति को बढ़ावा देता है जहाँ मानव और एआई एकजुट होकर संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक दिशा में काम करते हैं.
कर्मचारीयों और एआई के पारस्परिक संबंधों को बढ़ावा देकर, बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकते हैं. साथ मिलकर काम करने से कार्यबल के बीच एआई पर विश्वास उपजता है जो उन्हें एआई के और अधिक उपयोग के लिए प्रोत्साहित करता है. जब एक संस्थान मानव-केंद्रित एआई को अपने दैनिक परिचालन में शामिल करता है तो वो उसके कर्मचारियों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है. जिसके कारण ग्राहक संपर्क की गुणवत्ता में सुधार होकर ग्राहक संतुष्टि में वृद्धि होती है जो व्यवसाय को विस्तार देकर अर्जित लाभ को बढ़ाने में मददगार होती है.
मानव-केंद्रित एआई की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए सामूहिक और व्यापक प्रयत्न आवश्यक हैं. इस रास्ते पर चलने के लिए प्रौद्योगिकी के प्रति संतुलित दृष्टिकोण के साथ ही मानवीय मूल्यों और आवश्यकताओं की गहरी समझ भी जरूरी है. जैसे-जैसे संगठन इस डिजिटल युग में आगे बढ़ रहे हैं, एआई रणनीतियों को मानव-केंद्रित सिद्धांतों में निहित करने से अर्थपूर्ण संवाद को बढ़ावा मिलेगा और व्यवसायों को एक अभिनव और उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा.