इस बार विजया एकादशी 16 फरवरी और 17 फरवरी दोनों दिन मनाई जाएगी। विजया एकादशी की तिथि की शुरुआत 16 फरवरी को प्रातः 05 बजकर 32 मिनट पर होगी

इस बार विजया एकादशी 16 फरवरी और 17 फरवरी दोनों दिन मनाई जाएगी। विजया एकादशी की तिथि की शुरुआत 16 फरवरी को प्रातः 05 बजकर 32 मिनट पर होगी
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व्रतों में प्रमुख व्रत नवरात्रि, पूर्णिमा, अमावस्या एवं एकादशी के हैं। उसमें भी सबसे बड़ा व्रत एकादशी का माना जाता है। चंद्रमा की स्थिति की वजह से व्यक्ति की मानसिक एवं शारीरिक स्थिति खराब एवं अच्छी होती है ऐसी दशा में एकादशी व्रत से चंद्रमा के बुरे असर को रोका जा सकता है। यहां तक कि एकादशी का व्रत रखने से ग्रहों के प्रभाव को भी बहुत कम किया जा सकता है। 

विजया एकादशी अपने नाम के मुताबिक, विजय दिलाने वाली मानी जाती है। इस एकादशी पर प्रभु श्री विष्णु की उपासना होती है। इस एकादशी का व्रत करने से भयंकर विपत्तियों से निजात पा सकते हैं। विजया एकादशी पर पूजा आराधना करने से बड़े से बड़े शक्तिशाली शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं। इस बार विजया एकादशी की तारीख को लेकर भी लोगों में बहुत असमंजस है कि विजया एकादशी 16 फरवरी या 17 फरवरी को मनाई जाएगी। 

विजया एकादशी शुभ मुहूर्त:-
विजया एकादशी का व्रत फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस बार विजया एकादशी 16 फरवरी और 17 फरवरी दोनों दिन मनाई जाएगी। विजया एकादशी की तिथि की शुरुआत 16 फरवरी को प्रातः 05 बजकर 32 मिनट पर होगी एवं इसका समापन 17 फरवरी को रात 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदयातिथि के मुताबिक, विजया एकादशी 16 फरवरी को ही मनाई जाएगी। वैष्णव समुदाय की एकादशी 17 फरवरी को ही मनाई जाएगी। विजया एकादशी का पारण 17 फरवरी को प्रातः 08 बजकर 01 मिनट से लेकर 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।