24 फरवरी को इस शहर का 893वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। इस मौके पर हम आपको तुरुपति शहर से जुड़ी खास बातें

24 फरवरी को इस शहर का 893वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। इस मौके पर हम आपको तुरुपति शहर से जुड़ी खास बातें
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पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार देवी लक्ष्मी किसी बात पर रूठकर पृथ्वी लोक पर आकर एक राजकुमारी के रूप में रहने लगी। उनकी खोज करते हुए भगवान विष्णु भी पृथ्वी पर रूप बदलकर आ गए। भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी को खोज लिया और उनसे विवाह भी किया। इस विवाह के लिए भगवान विष्णु ने कुबेरदेव से धन ऋण के रूप में लिया और कहां कि कलयुग में मेरे भक्त तुम्हें ये धन ब्याज सहित चुकाएंगे। मान्यता है कि तिरुपति ही वह शहर हैं, जहां देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का मनुष्य रूप में विवाह हुआ था। इसके बाद भगवान विष्णु इसी स्थान पर वेंकटेश्वर के रूप में स्थापित हो गए।

रामानुजाचार्य ने की थी इस शहर की स्थापना (History of Tirupati City)
तिरुमाला आगम के अनुसार, भगवान विष्णु के परम भक्त और वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख रामानुजाचार्य ने 8 शताब्दी में तिरुपति शहर की स्थापना की। तमिल के साहित्य में तिरुपति को त्रिवेंगदम के नाम से भी संबोधित किया गया है। तिरुपति के इतिहास को लेकर कुछ मतभेद जरूर है, लेकिन ये बाद स्पष्ट है कि 5वीं शताब्दी तक यह एक प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका था। यहां चोल, होयसल आदि राजाओं ने भी राज किया था।

तिरुपति शहर भारत के दक्षिणी भाग में आंध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले में स्थित है। यह शहर हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसे तिरुमला तिरुपति मंदिर के लिए जाना जाता है। इस मंदिर को भारत के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है।

यहां कुछ खास बातें हैं जो आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं:

  1. तिरुपति मंदिर: तिरुपति मंदिर भारत में सबसे अधिक दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह मंदिर तिरुमला पहाड़ पर स्थित है और इसे श्री वेंकटेश्वर तिरुपति देवस्थानम भी कहा जाता है।

  2. तिरुपति के लड्डू: तिरुपति मंदिर के लड्डू भारत भर में विख्यात हैं। यह लड्डू पूरे शहर में उपलब्ध होते हैं और वहां जाने वाले लोग इन्हें खरीदने के लिए खास उत्सुकता से तैयार होते हैं।

  3. तिरुपति का रेलवे स्टेशन: तिरुपति शहर का रेलवे स्टेशन भारत में सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में से एक है।