चावल आटे का छत्तीसगढ़ी फरा है देसी मोमोज

चावल आटे का छत्तीसगढ़ी फरा है देसी मोमोज
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चावल आटे का छत्तीसगढ़ी फरा है देसी मोमोज

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ एक जनजातीय बाहुल राज्य है। यहां की संस्कृति व पारंपरिक इतिहास सबसे अनूठा है। राज्य की प्रकृति, रीति-रिवाज और खान-पान बेहद लोकप्रिय है। सर्दी के सीजन में यहां चावल आटे से बना फरा का स्वाद चखने पर्यटक खींचे चले आते हैं। इस प्रसिद्ध देसी मोमोज को सबसे हेल्दी नास्ता माना जाता है।

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के फूड प्रोसेसिंग और होटल मैनेजमेंट के स्टूटेंट छत्तीसगढ़ी व्यंजन और पकवानों का स्वाद देश-विदेश तक पहुंचाने लगातार प्रयास भी कर रहे हैं। यहां के स्टूडेंट हर साल सर्दी के सीजन में बकायदा स्टाल लगाकर लोगों को इसका स्वाद चखाते हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध चावल आटे से बना फरा है। एक ओर जहां यहां की आबोहवा सभी को आकर्षित करती है तो वहीं फरा का स्वाद लोगों को उंगलियां चाटने पर मजबूर कर देता है। यह एक ऐसा डिश है जिसे राज्य के लोग बड़े चाव से खाते हैं।

राज्य निर्माण के बाद अब यह व्यंजन बड़े होटलों और रेस्टोरेंट सहित शादी-पार्टी व मांगलिक कार्यों में खूब परोसा जाता है। मेहमानों के लिए देसी मोमोज से कम नहीं है। चावल का फरा बनाने में तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इन्हें भाप से पकाया जाता है। ऐसे में फरे सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद होता है। हालांकि कुछ होटलों में तेल से बने फरा भी परोसा जाता है। बच्चों को भी यह काफी पसंद आता है। स्कूल का टिफिन हो या लंच बाक्स। सेहत के लिए हमेशा फायदेमंद साबित हुआ है।

प्रमुख सामग्री का उपयोग

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के फूड प्रोसेसिंग विभाग के प्राध्यापक डा.सौमित्र तिवारी का कहना है कि इसे बनाना बेहद आसान है। इंटरनेट मीडिया पर भी इसकी काफी सारी रेसिपी आसानी से मिल जाती है। बशर्तें इसकी सामग्री का खास ध्यान देना पड़ता है। प्रमुख सामग्री में चावल का आटा, थोड़ा सा घी, सूखी लाल मिर्च, छोटा चम्मच तिल, जीरा, कड़ी पत्ता, नमक स्वादानुसार, भाप के लिए पानी और तेल (फ्राई करने के लिए) जरूरी है।