संसार में जितने भी संबंध बनाओ वे कष्ट ही देते हैं, लेकिन जब आप भगवान से संबंध बनाते हो तो वे आपको भवसागर से पर कर देते हैं।

संसार में जितने भी संबंध बनाओ वे कष्ट ही देते हैं, लेकिन जब आप भगवान से संबंध बनाते हो तो वे आपको भवसागर से पर कर देते हैं।
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जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को भोजपाल बनाने की बात कही। जगतगुरु रामभद्राचार्य ने ये बयान उस वक्त दिया, जब महाराज का आशीर्वाद लेने व कथा सुनने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह भी पहुंची थीं।

भोपाल का नाम भोजपाल कर दो- जगतगुरु रामभद्राचार्य

जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने भेल दशहरा मैदान पर चल रही श्रीराम कथा में कहा कि अगर साधना सिंह कहेंगी तो ऐसा नहीं है कि शिवराज सिंह मना कर देंगे। मैं प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से कहता हूं कि भोपाल को भोजपाल बनाएं, मैं आठ दिनों से जारी अपनी कथा में यही दक्षिणा मांगता हूं।

भोज राजा जैसा कोई राजा नहीं हुआ- जगतगुरु रामभद्राचार्य

जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि भोज राजा जैसा कोई राजा नहीं हुआ है। उन्होंने राजा विक्रमादित्या और भोज राजा की तुलना करते हुए कहा कि विक्रमादित्य जैसा किसी का शासन नहीं था और भोज राजा जैसा कोई वैदिक संरक्षक नहीं था। रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि भोज राजा एक श्लोक बनाने पर एक लाख अशर्फियां देते थे, लेकिन मैं प्रदेश सरकार से अशर्फियां नहीं बल्कि भोपाल को भोजपाल बनाने की मांग करता हूं। क्योंकि यही मेरी अशर्फियां और गुरु दक्षिणा होगी। इससे हमारी गरिमा ही बढ़ेगी।

‘आज भी भारत के कवि हैं भोज राजा’

महाराज ने आगे कहा कि भोज राजा आज भले ही नहीं हैं, लेकिन भारत के कवि आज भी हैं। उन्होंने कहा कि संसार में जितने भी संबंध बनाओ वे कष्ट ही देते हैं, लेकिन जब आप भगवान से संबंध बनाते हो तो वे आपको भवसागर से पर कर देते हैं।