इस बार गोरखपुर में 15 जनवरी को खिचड़ी मनाई जाएगी. खिचड़ी मेला को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए लगातार बैठक की जा रही हैं
गोरखनाथ मंदिर परिसर में मकर संक्रांति से शुरू होकर एक महीने तक खिचड़ी मेला चलता है, जो कि विश्व प्रसिद्ध है. इस मेले में उत्तर प्रदेश, बिहार से लेकर नेपाल तक के लोग सम्मिलित होते हैं.
इस दौरान लोग भगवान गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं और अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं. इस दिन भोर से ही श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर चावल, पुष्प, फल अर्पित करते हैं और आशीर्वाद मांगते हैं.
इस बार गोरखपुर में 15 जनवरी को खिचड़ी मनाई जाएगी. खिचड़ी मेला को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए लगातार बैठक की जा रही हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोरखनाथ में एक बैठक हुई. प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी ने कहा कि गोरखपुर में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.
क्यों चढ़ाते है भगवान गोरक्षनाथ को खिचड़ी?
गोरखनाथ मंदिर परिसर के प्रबंधक द्वारिका प्रसाद तिवारी बताते हैं कि गोरखपुर बाबा गोरक्षनाथ की तपोस्थली है. त्रेता युग में भगवान गोरक्षनाथ यहां पधारे थे और तपस्या की थी. तब यहां सिर्फ जंगल था और वातावरण बहुत शांत था. राप्ती नदी यहीं बगल से बहती थी, इसलिए भगवान गोरक्षनाथ को यही जगह पसंद आई और वह एकांत स्थान पर आकर तपस्या करने लगे.
कैसे शुरू हुई परंपरा?
द्वारिका प्रसाद तिवारी आगे बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ज्वाला देवी माई मंदिर है. गोरक्षनाथ भगवान वहीं से पधारे थे. ऐसा कहते हैं की ज्वाला माई ने गोरक्षनाथ से कहा था कि हमारे यहां एक दिन ठहरकर आरती और भोजन स्वीकार करें. भगवान गोरक्षनाथ इसके लिए राजी हो गए. लेकिन हम योगी हैं इधर-उधर का भोजन ग्रहण नहीं करते हैं. आप अगर आग्रह करती हैं तो आप पानी गर्म करिए. हम भिक्षासन करेंगे. हम भिक्षा मांगकर अनाज लेकर आएंगे और तब भोजन ग्रहण करेंगे.
इसके बाद भगवान गोरक्षनाथ अपने सूक्ष्म शरीर से भ्रमण करते हुए यहां पधारे. यह स्थान उन्हें अच्छा लगा, रमणीय लगा. यहां उन्होंने अखंड ज्योति जलाई. खप्पर डालकर रहने लगे. आस-पास के लोगों को यह पता चल गया कि यहां कोई योगी आया है, जो भिक्षा मांगने की दृष्टि से यहां पधारा है. इसके बाद लोग मुट्ठी भर चावल डालने लगे. ऐसा कहा जाता है कि भगवान ने भिक्षा लेने के लिए जिस खप्पर का इस्तेमाल किया था, वो न कभी पूर्ण हुआ ना ही कभी खाली.
बाबा के इस चमत्कार से लोग आकर्षित होने लगे. इस पर्व की परंपरा आज विशालकाय रूप ले चुकी है. आज के समय में लाखों लोग भगवान को खिचड़ी चढ़ाने आते हैं और अपनी मनोकामना की इच्छा रखते हैं. लोग मीठा, गुड़, पुष्प, चावल इत्यादि भगवान को अर्पित करते हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की आराधना करते हैं.
CM योगी कर चुके अधिकारियों संग बैठक
गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध खिचड़ी मेले की तैयारियों का जायजा हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्र योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि गोरखपुर में होने वाला खिचड़ी मेला विश्व प्रसिद्ध है. इसलिए श्रद्धालुओं को गांव-गांव तक परिवहन की सुविधा मिलेगी. मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि रोडवेज की बसों का अभी से इंतजाम शुरू कर दें. रेलवे प्रशासन से संवाद कर अलग-अलग स्टेशनों से मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन कराने के साथ ही गोरखपुर स्टेशन व नकहा हाल्ट से इलेक्ट्रिक सिटी बसों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इन सुविधाओं की जानकारी अभी से लोगों को दी जानी चाहिए.
सीएम योगी ने कहा कि खिचड़ी मेले से न सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार, नेपाल समेत देश-दुनिया के सनातन मतावलंबियों की आस्था जुड़ी है. इसके दृष्टिगत मेले में सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जाए जिससे मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. दूरदर्शन व आकाशवाणी के जरिए मेले का सजीव प्रसारण किया जाएगा ताकि वे लोग भी मेले में वर्चुअल सहभागी हो सकें. मेले में भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा आदि की तैयारी पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करे. पुलिस को सुरक्षा और सतर्कता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मेले के समय वाहन पार्किंग स्थल में खड़े हों. वाहन स्टैण्ड पर लाइड और साफ-सफाई का ख्याल रखा जाए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र मे पर्याप्त स्थायी और अस्थायी लाइट की व्यवस्था कराएं और पर्याप्त संख्या में अलाव जलवाने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि नगर निगम, गोरखपुर विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी है कि खराब सड़कों को समय रहते ठीक कराया जाए, जिससे आवगमन में असुविधा न हो. सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को मेले के दौरान विशेष तौर पर एलर्ट रहना होगा. मेला परिसर में हेल्थ कैम्प भी लगाया जाए. अस्पतालों को भी एलर्ट मोड पर रखने की आवश्यकता होगी ताकि आकस्मिक जरूरत पर किसी तरह की परेशानी न हो.