सूर्य देव करीब एक माह तक धुन राशि में रहते हैं, इसलिए खरमास भी एक माह तक होता है

सूर्य देव करीब एक माह तक धुन राशि में रहते हैं, इसलिए खरमास भी एक माह तक होता है
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सूर्य देव करीब एक माह तक धुन राशि में रहते हैं, इसलिए खरमास भी एक माह तक होता है

 सूर्य देव का राशि परिवर्तन 16 दिसंबर दिन शुक्रवार से हो रहा है. इस दिन सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, उस दिन धनु संक्रांति होगी. धनु संक्रांति से खरमास (Kharmas) का प्रारंभ हो जाएगा.

इसमें कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा. सूर्य देव करीब एक माह तक धुन राशि में रहते हैं, इसलिए खरमास भी एक माह तक होता है. सूर्य जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति होती है. उस दिन खरमास का समापन होता है. इस साल 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2023 तक खरमास रहेगा. 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति के दिन खरमास का समापन होगा.

 धनु संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति से पूर्व तक सूर्य धीमी गति से चलता है और इस समय में बृहस्पति ग्रह का प्रभाव भी कम होता है, इस वजह से खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है. खरमास की कथा के अनुसार, इस माह में सूर्य देव के रथ में खर यानि गधे जुड़ जाते हैं, जिससे उनकी गति धीमी हो जाती है. आइए जानते हैं कि खरमास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

खरमास में क्या न करें
1. खरमास को एक अशुभ फल प्रदान करने वाला समय माना जाता है, ऐसे में आपको कोई बिजनेस, नया प्रोजेक्ट या कोई नया कार्य न प्रारंभ करें.
2. खरमास में गृह प्रवेश, विवाह, सगाई, मुंडन, उपनयन संस्कार आदि करना पूर्णतया वर्जित है.
3. यदि बेटी या बहुरानी की विदाई करनी है तो आप खरमास से पहले या बाद में करें. खरमास में विदाई नहीं करते हैं.
4. खरमास में आप किसी भी देवी या देवता का अपमान न करें अन्यथा आपको कष्ट भोगना होगा. मृत्यु के बाद नरक की यातनाएं सहनी होती हैं.
5. खरमास के समय में आप किसी भी भिखरी को अपने दरवाजे से न भगाएं. यदि ऐसा करते हैं तो ऐसी घटना आपके लिए ही कष्टकारी हो सकती है.
6. खरमास में अपने से बड़े और बुजुर्गों का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने पर आपको सूर्य और गुरु ग्रह के दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं.

खरमास में क्या करें
1. खरमास पौष माह में होता है, यह माह सूर्य का है. इस वजह से आपको सूर्य देव की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए. नियमित तौर पर स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य मंत्र का जाप करें.
2. खरमास में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए. इससे आपके कष्ट दूर होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी.
3. गुरु ग्रह की पूजा खरमास में विशेष तौर पर करनी चाहिए क्योंकि इस समय उसका प्रभाव कम होता है. देव गुरु बृहस्पति की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से आपको सफलता, मान, सम्मान की प्राप्ति होगी.
4. इस समय में आप प्रतिदिन अपने माता पिता के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें. आपके सूर्य और चंद्र ग्रह दोनों ही मजबूत होंगे.
5. खरमास में आप तुलसी की पूजा करें और संध्या दीपक जलाएं. इससे भी सुख और शांति में वृद्धि होती है.

6. खरमास के समय में सूर्य देव को तिल और चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं. दान पुण्य करें. आपके कार्य सफल होंगे.