रागी ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है।

रागी ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है।
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रागी ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है।

रागी एक प्रकार का मोटा अनाज होता है जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल होता रहा है। रागी को मंडुआ, नाचनी, फिंगर मिलेटआदि नामों से जाना जाता है। रागी का वैज्ञानिक नाम एलुसीन कोरकाना है।

आमतौर पर रागी का इस्तेमाल लोग आटे के रूप में करते हैं। रागी के आटे को गेहूं के आटे में मिलाकर उपमा, सूप, बिस्कुट, डोसा आदि स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। रागी ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है।

रागी की खेते ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में की जाती है। इसके पौधा लगभग 1 मीटर तक ऊचाँ होता है। इसके बीज गोलाकार, गहरे-भूरे रंग के और झुर्रीदार होते हैं। रागी की खेती भारत में सबसे अधिक कर्नाटक राज्य में की जाती है। इसके अलावा रागी अफ्रीका देश में सबसे ज्यादा उगाया जाने वाला एक मुख्य अनाज है।

1.) रागी के फयदे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में

कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा जो रक्त में पाया जाता है। लेकिन जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है जो शरीर को कई सारी परेशानियां होने लगती है। बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे के लिए रागी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दरसल रागी में लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल पाये जाते हैं जो लीवर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करते है जिससे बढ़े हुआ कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है।

जब भी हम अपना बढ़ा हुआ वजन कम करने का सोचते हैं तो सबसे दिमाग में सबसे पहले यही ख्याल आता है कि खाना छोड़ दें तो वजन कम हो जाएगा। लेकिन ऐसा करने से आपके सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।

अगर आप वजन करना चाहते हैं तो रागी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। रागी में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो वजन कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप अन्य अनाजों से बनी रोटियां खाने के बजाय रागी अनाज से बनी रोटियों का सेवन कर सकते हैं।

हृदय हमारे शरीर का बहुत अनमोल अंग होता है जो 24 घंटे काम करता है। इसलिए हृदय को स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक होता है। कई बार ख़राब दिनचर्या और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

कई शोधकर्ताओं का मत है कि रागी हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। साथ ही हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में मदद करता हैं।

5.) रागी खाने के फायदे मधुमेह नियंत्रण में

आजकल मधुमेह से ग्रसित रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो अगर किसी व्यक्ति को एक बार हो गया तो जिंदगीभर उस व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ता है। मधुमेह को जड़ से ख़त्म करना असंभव है लेकिन इसको नियंत्रित जरुर किया जा सकता है।

रागी में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जिसका सेवन करने से मधुमेह के रोगियों को काफी लाभ मिलता है। इसके लिए आप रागी को सुबह या दोपहर के भोजन में शामिल कर सकते हैं।

6.) रागी है फौलादी हड्डियों का स्त्रोत

हड्डियाँ कमजोर होने से व्यक्ति बुढ़ापा महसूस करता है। कमजोर हड्डियों वाला व्यक्ति अधिक भर उठाने में असक्षम हो जाता है। कभी-कभी तो स्थित ऐसी हो जाती है कि उसे अपने व्यक्तिगत काम करने के लिए दूसरों का सहारा लेना पड़ता है।
हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए रागी का सेवन करना बहुत लाभकारी माना जाता है। रागी में चावल के मुकाबले 30 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

7.) रागी के लाभ एनीमिया में

जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है तो हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने लगता है जिससे व्यक्ति को एनीमिया रोग हो जाता है। एनीमिया से छुटकारा पाने के लिए रोगी को अपने आहार में रागी शामिल करना चाहिए।

रागी प्राकृतिक लोहे का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है जो खून की कमी से पीड़ित लोंगो के लिए वरदान है। हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए के लिए रागी के बीजों को अंकुरित करके सुबह खाली पेट सेवन कर सकते हैं।

8.) रागी करे हाई ब्लड प्रेशर को कम

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या एक गंभीर समस्या है जिससे कई लोग जूझ रहे हैं। हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए लोगो को रोजाना अंग्रेजी दवाइयों का सेवन करना पड़ता है।

हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए रागी का सेवन किया जाता है। रागी में बहुत सारे ऐसे तत्व होते है जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप प्रतिदिन रागी के आटे की रोटी खा सकते हैं।

ऊपर हमने रागी के फायदों के बारे जान लिया है। अब जानते हैं कि रागी का उपयोग कैसे कर सकते हैं।

  1. रागी की रोटी बनाकर खा सकते हैं।
  2. रागी का डोसा बनाकर सेवन कर सकते हैं।
  3. रागी का आटा से पराठें बनाकर खा सकते हैं।
  4. रागी से इडली बनाकर भी खा सकते है।
  5. रागी का इस्तेमाल फेस मास्क के रूप में कर सकते हैं।

रागी के पौष्टिक तत्व – Nutritional Value of Ragi in Hindi

रागी में एक नहीं बल्कि कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। रागी में कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, फाइबर, फॉस्फोरस, प्रोटीन, आयरन, आयोडीन, कैरोटीन, जिंक, मेथोनाइन अमीनो अम्ल, सोडियम, कॉपर, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।