रामचरित मानस में मानव जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई गई है

रामचरित मानस में मानव जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई गई है
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रामचरित मानस में मानव जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई गई है

हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे ग्रंथ और शास्त्र है जिनमें मानव जीवन से जुड़ी अहम बातों का जिक्र किया गया है लेकिन लेकिन रामचरित मानस को सबसे अधिक पूजनीय और पवित्र माना जाता है ये सभी ग्रंथों, पुराणाओं और शास्त्र में श्रेष्ठ है रामचरित मानस में मानव जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई गई है

मान्यता है इसमें लिख बातों पर जो भी मनुष्य अमल करता है उसके जीवन में कभी कोई दुख व परेशानी नहीं आती है व्यक्ति के जीवन में उसके आसपास का वातावरण का प्रभाव अधिक पड़ता है अच्छी संगति में मनुष्य हमेशा ही अच्छा सीखता है वहीं अगर बुरी संगत हो तो व्यक्ति बुरा बन जाता है इन बातों का जिक्र सबसे बड़े ग्रंथ रामचरित मानस में भी किया गया है तो आज हम इसी विषय पर चर्चा कर रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस में तुलसीदास जी लिखते हैं—

गगन चढ़इ रज पवन प्रंसगा । कीचहिं मिलइ नीच जल संगा।।

साधु असाधु सदन सुक सारीं । सुमिरहिं राम देहिं गनि गारीं।।  

जानिए इस श्लोक का अर्थ—
तुलसी दास जी के अनुसार जिस तरह से हवा के साथ मिलकर धूल आंधी का असर आकाश तक होता है और मिट्टी में जल मिलकर कीचड़ बन जाता है ठीक उसी तरह का असर मानव के जीवन में संगत का भी होता है। 

पौराणिक कथाओं में एक कथा का वर्णन किया गया है जिसमें दो तोतो का जिक्र है जिसमें से एक तोता कुछ समय बाद साधु सन्यासियों के साथ रहता है और दूसरा तोता डाकुओं के साथ रहने लगता है साधु सन्यासियों के साथ रहने वाला तोता दिन रात भगवान का नाम लेता है वही डाकुओं के साथ रहने वाला तोता अशब्दों का प्रयोग करने लगता है ऐसे ही संगती का प्रभाव मनुष्य जीवन पर भी पड़ता है जो उसकी सफलता और खुशियों पर असर डालता है जीवन में सफलता और मान सम्मान पाने के लिए मनुष्य को अपने आसपास के वातावरण पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि अच्छी संगति का होना बेहद जरूरी है तभी मनुष्य जीवन में सफलता और सुख दोनों को प्राप्त करता है।