देर से खाने या नाश्ता छोड़ने से एसिडिटी हो सकती है और लंबे समय में आपको गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा हो सकता है
सर्दी-जुकाम की तरह गैस या गैस्ट्रिक की समस्या भी आज आम हो गई है। हर किसी के घर में कोई न कोई इस समस्या से परेशान है। आपने अक्सर अपने घरों में देखा होगा कि मां सारा काम करने के बाद खाना या नाश्ता करती हैं। पति को ऑफिस, बच्चों को स्कूल भेजने के बाद घर में झाडू लगाती हैं, महिलाएं साफ-सफाई के बाद खाना खाती हैं। इसी आदत के कारण कई बार उन्हें एसिडिटी की समस्या होने लगती है। अगर यह आदत लंबे समय तक बनी रहे तो एसिडिटी की वजह से गैस्ट्रिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। मुंबई के मसीना अस्पताल में कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मृणाल परब ने बताया कि पुरानी एसिडिटी की समस्या और खराब जीवनशैली के कारण गैस्ट्रिक कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
अगर आपके घर की महिलाओं को भी है ये आदत तो फौरन उन्हें सावधान कर दें। महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि काम खत्म होने के बाद वे चैन से खा लेंगी, लेकिन यह बिल्कुल गलत है। देर से खाने या नाश्ता छोड़ने से एसिडिटी हो सकती है और लंबे समय में आपको गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा हो सकता है।गैस्ट्रिक कैंसर का सबसे बड़ा कारण खराब खान-पान और जीवनशैली है। महिलाओं को गैस्ट्रिक कैंसर होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि वे ऊपर बताए गए रूटीन का पालन करती हैं। गैस्ट्रिक कैंसर को आम भाषा में लोग पेट के कैंसर के नाम से भी जानते हैं। भारत में गैस्ट्रिक कैंसर की समस्या दक्षिणी भाग और उत्तर पूर्वी राज्यों में अधिक है। जानकारी के मुताबिक गैस्ट्रिक कैंसर के सबसे ज्यादा मामले मिजोरम में दर्ज किए गए हैं। गैस्ट्रिक कैंसर पुरुषों में पांचवां सबसे आम कैंसर है और महिलाओं में सातवां सबसे आम कैंसर है।
गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण
भूख में कमी
निगलने में परेशानी
पेट दर्द
पेट में जलन
खट्टी डकार
वजन घटना
खून की उल्टी
खाने के बाद फूला हुआ महसूस होना
कम खाने के बावजूद पेट भरा हुआ महसूस होना
गैस्ट्रिक कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो व्यक्ति को इस समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। कई अध्ययनों के अनुसार, सब्जियों और फलों सहित विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन लोगों को गैस्ट्रिक कैंसर के खतरे से बचा सकता है। वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड और अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार बिना स्टार्च वाली सब्जियों और फलों का अधिक सेवन गैस्ट्रिक कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है, जबकि नमकीन खाद्य पदार्थ गैस्ट्रिक कैंसर के लिए जोखिम कारक हो सकते हैं। .