रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को रक्तचाप, हृदय रोग से जुड़ी बीमारियां आसानी से नहीं जकड़ती।

रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को रक्तचाप, हृदय रोग से जुड़ी बीमारियां आसानी से नहीं जकड़ती।
 | 
रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को रक्तचाप, हृदय रोग से जुड़ी बीमारियां आसानी से नहीं जकड़ती।

हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि देवों के देव महादेव को रुद्राक्ष प्रिय है। जी हाँ और इसी के चलते वह अपने शरीर पर इसे धारण भी करते हैं। कहा जाता है महादेव की कृपा पाने के लिए जो भी उन्हें रुद्राक्ष (Rudraksha) अर्पित करता है उनके हर काम सफल होते हैं।

इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को रक्तचाप, हृदय रोग से जुड़ी बीमारियां आसानी से नहीं जकड़ती। आपको बता दें कि रुद्राक्ष अलग-अलग आकार और धारियों के होते हैं जिनकी अलौकिकता भी अगल होती है, क्योंकि रुद्राक्ष को बेहद ही पवित्र और शुभ माना है। केवल यही नहीं बल्कि इसे धारण करने के भी कुछ विशेष नियम हैं। अब हम आपको उसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

सोने से पहले उतार दें रुद्राक्ष- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष को सोने से पहले उतार देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करके सोने पर वह अशुद्ध हो जाता है। वहीं सुबह स्नान करने के बाद ही इसको दोबारा धारण करना चाहिए।

रुद्राक्ष पहनने वालें ना करें मांस-मदिरा का सेवन- रुद्राक्ष को बेहद पवित्र माना जाता है इस वजह से मांस-मदिरा का सेवन करते समय इसे नहीं पहनना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि रुद्राश भगवान शिव का प्रसाद होता है इसलिए इसकी पवित्रता खंडित करना व्यक्ति को विपरीत परिणाम दे सकता है।

बच्चे के जन्म पर न पहनें रुद्राक्ष- हिंदू धर्म में मान्यता है कि किसी नवजात के जन्म के बाद सूतक लग जाता है, जिससे कुछ दिनों तक चीजें अपवित्र रहती हैं। ऐसें में बच्चे के जन्म के बाद मां और बच्चे को रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए।

राशि के अनुसार पहने रुद्राक्ष- ज्योतिष के अनुसार सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना को पूरा करने के लिए हमेशा अपनी राशि के अनुसार ही रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

मेष राशि - एक मुखी, तीन मुखी या फिर पांच मुखी रुद्राक्ष

वृषभ राशि - चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

मिथुन राशि - चार मुखी, पांच मुखी और तेरह मुखी रुद्राक्ष

कर्क राशि - तीन मुखी, पांच मुखी या फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष

सिंह राशि - एक मुखी, तीन किया मुखी और पांच मुखी रुद्राक्ष

कन्या राशि - चार मुखी, पांच मुखी और तेरह मुखी

तुला राशि - चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

वृश्चिक राशि - तीन मुखी, पांच मुखी या फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष

धनु राशि - एक मुखी, तीन मुखी या पांच मुखी रुद्राक्ष

मकर राशि - चार मुखी, छह मुखी अथवा चौदह मुखी रुद्राक्ष

कुंभ राशि - चार मुखी, छह मुखी या फिर चौदह मुखी रुद्राक्ष

मीन राशि - तीन मुखी, पांच मुखी या फिर गौरी-शंकर रुद्राक्ष