महामारी के बाद लोगों ने सेहतमंद जीवन शैली को अपनाया

महामारी के बाद लोगों ने सेहतमंद जीवन शैली को अपनाया
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महामारी के बाद लोगों ने सेहतमंद जीवन शैली को अपनाया

कोरोना महामारी के बाद अधिकांश लोगों ने सेहतमंद जीवन जीने में मदद करने वाली आदतों को अपनाना शुरू कर दिया है और अब वे पाचन में सुधार लाने, तनाव के स्तर को कम करने और प्रतिरक्षा बढ़ाने के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं। भारतीय उपभोक्ताओं की भलाई को बेहतर ढंग से समझने के लिए किए गए एक सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि महामारी के बाद से, 90 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने सेहतमंद जीवन जीने में मदद करने वाली आदतों को अपनाना शुरू कर दिया है। अध्ययन बताता है कि 70 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने अब अधिक पोषक पदार्थों का सेवन शुरू किया है, 44 प्रतिशत उत्तरदाता प्रतिदिन विटामिन/सप्लीमैंट्स का सेवन कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है और 82 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपनी सेहत से जुड़ी आदतों में अधिक पौष्टिक नाश्ते को शामिल करने की बात कही है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के लॉन्च के बाद भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से एक पैनल चर्चा हुई, जिसमें प्रमुख निष्कर्षों और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए उम्र बढ़ने के सात स्वस्थ आदतों को शामिल करने के महत्व के बारे में बताया गया। चार प्रमुख महानगरों यानी दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर और कोलकाता में रहने वाले 18 वर्ष एवं इससे अधिक उम्र के 1,000 से अधिक लोगों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया। सेहत को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों को समझने पर ध्यान देने के साथ, अध्ययन ने अच्छी सेहत में मदद करने वाले तत्वों और बाधाओं की पहचान करने में भी मदद की है। इस अध्ययन से सेहत एवं खुशहाली, ऊर्जा और वजन को नियंत्रित रखने के प्रति भारतीयों के बदलते व्यवहार का भी पता चला है। बेहतर सेहत की दिशा में ये सभी बेहद महत्वपूर्ण हैं।

सेहत सुधार में सब्जियों, फलों और साबुत अनाज का अहम रोल
सर्वेक्षण से पता चला है कि ओट्स और अनाज उन लोगों के लिए पसंदीदा विकल्प हैं जो अपने रोजमर्रा के जीवन में सेहतमंद नाश्ते को शामिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसमें यह भी पता चला है कि 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के भारतीय मुख्य रूप से कम पोषक तत्व लेने के कारण अपनी वर्तमान आयु से अधिक उम्र के महसूस करते हैं। लोगों का मानना है कि सब्जियों, फलों और साबुत अनाज के अधिक सेवन से उनकी सेहत में सुधार होगा। अधिकांश लोगों का मानना है कि ब्रेकफास्ट सीरियल्स जैसे कि ओट्स, लंबे वक्त तक ऊर्जा प्रदान करते हैं और पाचन से जुड़ी समस्याओं को हल करते हैं। वास्तव में, जो लोग साबुत अनाज लेते हैं, वे औसतन 1-2 सर्विंग पर मील के आधार पर इसका सेवन हर दिन या सप्ताह में हर दूसरे दिन करते हैं।

पौष्टिक नाश्ते को जीवन में शामिल करना बेहद जरूरी
सैलिब्रिटी शैफ और क्वेकर के ब्रांड एंबैसडर विकास खन्ना ने कहा, युवा पीढ़ी को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति गंभीर प्रयास करते हुए और अपने रोजाना के जीवन में अधिक पोषण को शामिल करने के तरीकों की तलाश करते हुए देखना बहुत ही उत्साहजनक है। महामारी बिल्कुल नए तरीके से फूड कम्युनिटी को एक साथ लेकर आई है, यह फिट रहने और बेहतर खाना खाने की कोशिशों में एक-दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। हमने देखा है कि दुनिया भर के दिलचस्प और मजेदार व्यंजनों के साथ बातचीत में शामिल हो रहे हैं, इसके साथ ही बेहतर खाने को बढ़ावा मिल रहा है। क्वेकर के साथ अपने लंबे संबंधों के साथ, मेरा लक्ष्य है कि मैं लोगों को ऐसे पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन उपलब्ध कराऊं, जो आज की युवा पीढ़ी को भी पसंद आए। सेहतमंद जीवन का सफर शुरू करने वालों के लिए रोजमर्रा के जीवन में पौष्टिक नाश्ते को शामिल करना बेहद जरूरी है।