कलेक्टरों के तबादलों पर चुनाव आयोग का रोड़ा खत्म!

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कलेक्टरों के तबादलों पर चुनाव आयोग का रोड़ा खत्म! कलेक्टरों के तबादलों पर चुनाव आयोग का रोड़ा खत्म!

भोपाल । मप्र में आज मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इसके साथ ही तबादलों से चुनाव आयोग की रोक हट जाएगी। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार मंत्रालय से लेकर जिलों तक बड़े प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी में है। इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग  जैन के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है। कई जिलों के कलेक्टर्स को बदला जाएगा। इसमें जिलों में अधिकारियों के परफॉर्मेंस को देखा जाएगा। बता दें, सरकार मप्र का विजन डॉक्यूमेंट बना रही है। इसको सरकार ने आठ क्षेत्रों में बांटा है। इसके लिए सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। अब उनके परफॉर्मेंस को देखकर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
 दरअसल, प्रदेश में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम चल रहा था। इसके चलते कलेक्टरों को नहीं बदला जा रहा था। अब मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम पूरा हो गया है। प्रदेश में अधिकारियों को नई जिम्मेदारी देने के लिए अब तक के उनके काम को देखा जाएगा। इसमें राजस्व महाभियान में अब तक का काम, सीएम मॉनिट और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों के निपटारे समेत उनके अन्य कामों को देखा जाएगा। इसमें खास तौर से उन शिकायतों को देखा जाएगा, जहां पर शिकायतों को बिना वैधानिक प्रक्रिया के संख्या कम करने के लिए बंद कर दिया गया और अब वहां से दोबारा शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इसमें मंत्रालय में विभाग अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव से लेकर, उप सचिव से लेकर विभाग प्रमुख और संभाग और जिलों में पदस्थ अधिकारियों के ट्रांसफर होंगे। वहीं, तीन साल से अधिक समय से जमे अधिकारियों को भी हटाया जाएगा।

शिकायत वाले अधिकारी भी हटेंगे
खाद वितरण व्यवस्था को बेहतर तरीके से वितरण व्यवस्था नहीं बनाने वाले अधिकारियों पर भी संकट हैं। वहीं, इसके अलावा जनप्रतिनिधियों की तरफ से जिन अधिकारियों की सरकार को शिकायत मिली उन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। इसके अलावा कई जिलों में खाद्य एवं औषधि विभाग में सुरक्षा अधिकारी और औषधि निरीक्षक लंबे समय से फील्ड में काम कर रहे हैं। इनमें कुछ अधिकारियों को पांच से सात साल का समय हो गया है। उनको हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा नापतौल, पंजीयन, उद्यानिकी, खनिज, पुलिस, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भी लंबे समय से जमे अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

दो दर्जन से अधिक कलेक्टर बदलेंगे
जानकारी के अनुसार सरकार मैदानी अधिकारियों के बीच बड़ा फेरबदल करने जा रही है। जिसमें दो दर्जन से ज्यादा जिलों के कलेक्टर प्रभावित हो सकते हैं। सरकार ने इस बार तेजतर्रार एवं साफ छवि के अधिकारियों को मैदानी पदस्थापना करने का निर्णय लिया है। ढीले और खराब छवि के अधिकारियों को मंत्रालय वापस बुलाया जा सकता है। प्रशासनिक मुखिया अनुराग जैन के कार्यकाल में मैदानी अधिकारियों की यह पहली बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होगी। अभी तक मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य की वजह से जिलाधीश समेत अन्य जिला अधिकारियों के तबादलों पर चुनाव आयोग की रोक थी। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, कलेक्टरों के तबादलों में 2014 एवं 2015 बैच को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी। साथ ही 2016 बैच के अधिकारियों को भी जिलाधीश बनाया जा सकता है। ऐसे में 2009 एवं 2010 बैच के अधिकारियों को मैदानी पदस्थापना से हटाया जा सकता है। साथ ही 2011, 2012 एवं 2013 बैच के कुछ अधिकारियों के जिले बदले जा सकते हैं। 2013 एवं 2014 बैच के ज्यादा अधिकारियों को दूसरे जिलों की कमान सौंपी जाएगी। कुछ अधिकारी व्यक्तिगत कारणों से भी जिलों से हटना चाहते हैं। इन्होंने बाकायदा शासन से गुहार लगाई है। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि मैदानी प्रशासनिक जमावट को लेकर मुख्य सचिव तैयारी कर चुके हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ अंतिम बैठक होना शेष है। इसके बाद मैदानी अधिकारियों के तबादलों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त एवं अन्य मैदानी अधिकारी भी बदले जाएंगे।

इनको बदले जाने की संभावना
सरकार की इस बड़ी प्रशासनिक सर्जरी में जिन कलेक्टरों को बदलने की संभावना है उनमें 2009 बैच के अकेले अधिकारी गुना के कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह सचिव के पद पर पदोन्नति हो चुके हैं। उनका हटना लगभग तय है। 2010 बैच के कौशलेंद्र सिंह भोपाल, आशीष सिंह इंदौर, दीपक सक्सेना जबलपुर, शीलेन्द्र सिंह छिंदवाड़ा, कर्मवीर शर्मा खरगोन, संदीप माकिन दतिया और सुरेश कुमार को पन्ना से हटाया जा सकता है। वहीं, 2011 बैच तीन अधिकारी ग्वालियर-चंबल के शिवपुरी, भिंड और ग्वालियर में पदस्थ हैं। इनमें से शिवपुरी के रवीन्द्र चौधरी और भिंड के संजीव श्रीवास्तव प्रभावित हो सकते हैं। इसी तरह 2012 बैच के अधिकारियों में प्रवीण अढ़ायच सीहोर, अनुराग वर्मा सतना, प्रतिभा पाल रीवा, राहुल फटिंग हरिदास बड़वानी, अवधेश शर्मा टीकमगढ़, सुभाष द्विवेदी अशोकनगर, धर्णेन्द्र जैन उमरिया, अरविंद दुबे रायसेन, नरेन्द्र सूर्यवंशी बैतूल और राजेश बाथम रतलाम प्रभावित हो सकते हैं। इसी बैच के उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह को इंदौर या भोपाल की कमान मिल सकती है। वहीं, 2013 बैच के जिलाधीशों में प्रियंक मिश्रा धार, सोनिया मीणा नर्मदापुरम, अनूप भारतीय खंडवा, राघवेन्द्र सिंह आगर-मालवा प्रभावित हो सकते हैं। इसी तरह 2014 बैच की शीतला पटले नरसिंहपुर, ऋाभ गुप्ता देवास, अंकित अष्ठाना मुरैना, सुश्री भव्य मित्तल बुरहानपुर, रानी बातड़ मैहर, चंद्रशेखर सिंगरौली, अभय बेडेकर अलीराजपुर और सुधीर कोचर दमोह भी बदले जा सकते हैं।