मुजफ्फरपुर की जनसभा के सामने अमित शाह ने कहा कि छठी मैया से प्रार्थना करता हूं कि आने वाले दिनों में बिहार नीतीश कुमार (पलटू राम) और लालू प्रसाद के जंगल राज्य से मुक्त हो।

मुजफ्फरपुर की जनसभा के सामने अमित शाह ने कहा कि छठी मैया से प्रार्थना करता हूं कि आने वाले दिनों में बिहार नीतीश कुमार (पलटू राम) और लालू प्रसाद के जंगल राज्य से मुक्त हो।
 

 बिहार की राजनीति में नए जातीय समीकरण के साथ आए लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की जोड़ी को परास्त करने के समीकरण का खुलासा बीजेपी के रणनीतिकार अमित शाह ने मुजफ्फरपुर की जनसभा में कर दिया।

इशारों इशारों में अमित शाह ने बता दिया के धर्मरथ पर सवार बीजेपी शंखनाद करने जा रही है। जातीय सर्वे के बाद नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने हिंदू को विभिन्न जातियों में बांटकर जो संदेश दिया है बीजेपी इसका जवाब देने को तैयार है।

क्या कहा अमित शाह ने

मुजफ्फरपुर के पताही हवाई अड्डा मैदान में चुनावी शंखनाद करते धर्म की राह उतर गए। इन्होंने जातीय सर्वे को एक धोखा बताते कहा कि इस सर्व में केवल मुस्लिम और यादव वोटों को बढ़ाकर अतिपिछड़ा जाति को ठगने का काम किया है। फिर उनके इस कर्म की सजा भुगतने के लिए छठी मैया से अरदास भी कर डाला।

मुजफ्फरपुर की जनसभा के सामने अमित शाह ने कहा कि छठी मैया से प्रार्थना करता हूं कि आने वाले दिनों में बिहार नीतीश कुमार (पलटू राम) और लालू प्रसाद के जंगल राज्य से मुक्त हो।

फिर बिहार की जनता से 2024 के लोकसभा चुनाव में 40 में से 40 लोकसभा की सीट नरेंद्र मोदी जी की झोली में डालने की अपील भी कर डाली।

धर्मरथ बीजेपी की रणनीति का हिस्सा!


जातीय सर्वे के बाद बिहार में जो स्थिति बनी है उसके विरुद्ध बीजेपी के पास दो ही रास्ते हैं। एक तो वह महागठबंधन को पिछड़ों और अतिपिछड़ों का हितैषी नहीं है, यह साबित करे। यह नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की बनी जोड़ी (उस पर वाम दलों का साथ) के रहते संभव नहीं है। बीजेपी 2015 का विधान सभा चुनाव का हश्र झेल चुकी है।

सो, उत्तर प्रदेश में जिस तरह से हिंदुत्व की स्थिति बनी वह बिहार के चुनावी रणक्षेत्र की भी रणनीति बने। प्रदेश बीजेपी इसे लोकसभा चुनाव में धर्मरथ का लिटमस टेस्ट भी कर लेगी। यह सफल हुआ तो फिर 2025 के विधानसभा चुनाव की रणनीति भी बन जाए। बहरहाल, यह अभी प्रयोग के स्तर पर है। वैसे बीजेपी यह बता भी रही है कि लालू-नीतीश की जोड़ी ने सर्वेक्षण में मुस्लिम और यादव समुदाय की आबादी को बढ़ाकर अति पिछड़ा और पिछड़ा समुदाय के साथ अन्याय करने का काम किया। यह सर्वेक्षण एक छलावा है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछड़ा और अतिपिछड़ा का सच्चा हितैषी बताते कहा भी कि पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 27 मंत्री ओबीसी समाज से हैं। जाहिर है प्रदेश बीजेपी दोतरफा बार कर अपनी स्थिति जेडीयू के बिना मजबूत करने की नींव तो डाल ही दी है।