वर्तमान युग में जैव प्रौधौगिकी का महत्व – कमिश्नर श्री वर्मा

वर्तमान युग में जैव प्रौधौगिकी का महत्व – कमिश्नर श्री वर्मा
 

कमिश्नर श्री अभय वर्मा ने कहा है कि आज के युग में जैव प्रौधौगिकी दिन – प्रतिदिन तीव्र गति से बढ़ रहा है, जैसे – सुअर के हृदय को मनुष्य के शरीर में परिवर्तन करना।‌ अंगों का प्रत्यार्पण आश्चर्यजनक कदम है। वे आज पंडित लज्जा शंकर मॉडल स्कूल जबलपुर में संचालित ज्ञानाश्रय निःशुल्क कोचिंग क्लासेस, के छात्र छात्राओं को कोशिका, डीएनए, आरएनए, जीएमओ एवं क्लोरोफिल आदि के बारे में समझा रहे थे। इस दौरान सहायक संचालक ज्ञान आश्रय निःशुल्क कोचिंग क्लासेस संतोष सेंगर , नमन भारती एवं शिक्षक अंकित योगी और छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

आयुक्त श्री वर्मा ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी एक बहु-विषयक क्षेत्र है, जो फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, खाद्य विज्ञान और वानिकी विज्ञान पर लागू होता है। इसके प्रयोग से अन्य चीजों के अलावा बेहतर दवाएं, अधिक उत्पादक फसलें और यहां तक कि अधिक लचीली सामग्री भी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण विश्व में 99.99% डीएनए सभी लोगों में एक समान होता है। मात्रा 1% डीएनए ही हमे एक दूसरे से भिन्न बनाता है। इसी तरह आरएनए को राइबोन्यूक्लिक एसिड कहते है जो हमारे शरीर में प्रोटीन के संश्लेषण में मदद करता है।

उन्होंने कहा कोशिका शरीर कि सबसे सूक्ष्मतम संरचनात्मक और क्रियात्मक ईकाई होती है और कोशिका भी दो प्रकार की होती है प्रोकेरियोटिक एवं यूकेरियोटिक। उन्होंने कहा प्रोकेरियोटिक कोशिका जीवाणु, वायरस, साइनोबैक्टीरिया,और प्रोटोजोआ आदि में पाई जाती है और जंतु कोशिका व कवक की कोशिका आदि यूकेरियोटिक कोशिकाएं है।उन्होंने कहा माईट्रोकॉड्रिया को कोशिका का पावर हाउस और लाईसोसोम को कोशिका की आत्महत्या की थैली कहा जाता है।उन्होंने बताया कि नॉर्मन बोरलॉग को विश्व और एम एस स्वामीनाथ को भारत का हरित क्रांति के जनक कहा जाता है।आयुक्त वर्मा ने टेस्ट ट्यूब बेबी, सेरोगेसी, डीएनए फिंगर प्रिंट आदि के बारे में विस्तार से समझाया।

उल्लेखनीय हैं कि कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन की पहल और आदर्श परिवार एवं आधुनिक नालंदा के डायरेक्टर परीक्षित भारती के सहयोग से जबलपुर में 01 मार्च से यूपीएससी एवं एमपीपीएससी की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग क्लासेज नियमित संचालित की जा रही है।