बड़वानी में मां नर्मदा के नाम पर की गई भारी लूट !
पांच साल बाद डिजाईन बदलने,जांचने का नया टेंडर
चार साल पहले बनी अनुभवहीन कंपनी देखेगी काम
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मध्य प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा जी को भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने हर तरह से लूटकर छलनी किया और जन भावनाओं का दोहन कर शासकीय धन को हानि पहुंचाई, लेकिन नर्मदा जी वहीं की वहीं है । उनका जल ना तो निर्मल हो पा रहा है न तो अवैध उत्खनन रुक पा रहा है और ना ही कमीशनखोरी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि 2012 में नर्मदा को निर्मल करने मनमोहन स़िह सरकार ने 1066 करोड़ रुपये स्वीकृत किये थे। शर्त रखी थी कि पहले राज्य डीपीआर केंद्र को जमा करे। मध्यप्रदेश की सौदाई सरकार ने डीपीआर बनाकर केंद्र से पैसा लेने के बजाय 2017 में जर्मनी के के.एफ.डब्ल्यू बैंक से कर्जा उठाना पसंद किया लेकिन 5 साल में भी डीपीआर बनाकर केंद्र को नहीं दी। भाजपा बताये क्या ये कर्जा केंद्र सरकार की नजर बचाकर स्वच्छंद कमीशनबाजी के लिये किया गया। केंद्र की राशि छोड़कर कर्जा क्यों लिया बतायें शिवराज जी ?
गुप्ता ने बताया कि नर्मदा सेवा सेना ने बड़वानी में विगत पखवाड़े में नर्मदा जी की महाआरती सेवा की थी। नर्मदा मैया के लिए शिवराज सरकार ने 2017 में जो वादे किए थे उनकी कैसे पूर्ति हुई, इसका पता लगाया था ।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बड़वानी जैसी छोटी सी जगह में सीवेज लाइन डालने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का ठेका 2018 में एक कथित विदेशी कंपनी टहल कन्सल्टिंग इंजीनियर्स लि. को दिया गया जिसका मुख्यालय इजराइल में बताया जाता है । गुडगांव में भारतीय आफिस बनाकर इसने भारत में काम शुरू किया ।
इस कंपनी की पूंजी मात्र 3 करोड़ एवं पैड अप कैपिटल लगभग 96 लाख है,फिर भी इस कंपनी को 105 करोड़ का ठेका देने में 10 करोड़ रूपया एडवांस में दे दिए गए।
कंपनी बिना काम करे जब रफू चक्कर हुई और स्थानीय स्तर पर जांच की मांगे उठने लगीं तब लोकल ठेकेदारों के माध्यम से सड़क खुदवा कर किसी तरह 10 करोड़ के भुगतान को समायोजित करने की कोशिश हुई। इसमें एसटीपी का अध-बना ढांचा भी खड़ा है जो अभी बरगी का पानी छोड़ने पर स्वयं ही नर्मदा के पानी में डूब गया था।
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने 24महीने का समय दिया गया था और 2020 तक पूरा हो जाना था लेकिन न यह काम पूरा हुआ न सीवेज लाइन डली न इजराईल की कंपनी वापिस आई।
जब भ्रष्टाचार की पोलें खुलने लगीं तो चुनाव के पहले बदनामी से बचने और पर्दा डालने के लिये सितंबर 2023 में यह काम मुंबई की एक कंपनी आर एंड बी इन्फ्रा लिमिटेड को दे दिया गया जो यह काम श्रीराम कंस्ट्रक्शन कंपनी ग्वालियर के ज्वाईंट वेंचर में कर रही है।श्रीराम कंस्ट्रक्शन कंपनी मात्र 4साल पुरानी है ,पड़ताल करने पर इन कामों में उनका अनुभव सामने नहीं आया। केएफ डब्ल्यू बैंक द्वारा यह योजना फंडिंग प्राप्त है।
नये ठेके की शर्तों में सीवेज संग्रहण,सीवेज ट्रीटमेंट एवं निष्पादन के कार्य हेतु आमंत्रित निविदा में पूरे सिस्टम को रीडिजाईन करने और मोडीफाई करने का आदेश दिया गया है जिसका तात्पर्य है कि कथित इजराईली कंपनी का डिजाइन एवं सर्वे ही गलत रहा है यह सरकार स्वयं मान रही है।ऐसे टेंडर विदेशी कंपनियों के नाम नर्मदा किनारे बड़वानी, अंजड़ और अन्य नगर पालिकाओं में दिये गये ।
जिस तरह का काम एडवांस धन से हुआ है इतना घटिया काम तो विदेशी कंपनियां तो छोड़िये स्थानीय ठेकेदार भी नहीं कर सकते।इससे आशंका होती है कि कहीं ये कंपनियां भ्रष्ट अफसरों या नेताओं की शैल कंपनियां तो नहीं हैं ,इसकी जांच होना चाहिए।
गुप्ता ने बताया कि नर्मदा में हो रही इस लूट की जांच करने दोषियों को सजा देने और मां नर्मदा का गौरव और प्रतिष्ठा बचाने के लिये कमलनाथ जी ने कांग्रेस के वचन पत्र में दिशा पूर्ण वचन दिये हैं।
मां नर्मदा संरक्षण अधिनियम, मां नर्मदा परिक्रमा प्राधिकरण,नर्मदा रिवर फ्रंट योजना निर्माण की दिशा में बढ़ने का वचन दिया है।
कमलनाथ जी ने पूर्व में भी नर्मदा जी के प्रदूषण को रोकने एक करोड़ रुपये 2019 में नर्मदापुरम नगर पालिका को दिये थे,जिससे कोरी घाट नाले का प्रदूषण तो नहीं रुका लेकिन जलेबियां शीरा जरुर पी गयीं।
कमलनाथ जी की सरकार आयेगी तो सरदार सरोवर एवं अन्य योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार की जांच भी की जायेगी।
नर्मदा के रेत उत्खनन में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसमें चार-पांच कंपनियों का कार्टेल बनाकर सरकार को चूना लगाया जा रहा है।रेत स्टाक करने की समयावधि में वृद्धि नर्मदा मैया को ठगने का नया फार्मूला है जिसकी जांच की आंच में भाजपा का काला चेहरा सामने आ जायेगा।