एरिथ्रिटोल स्वीटनर का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

एरिथ्रिटोल स्वीटनर का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
 

 एरिथ्रिटोल एक ऐसा चर्चित कृत्रिम स्वीटनर (Sweetener) है जो भारत और पूरी दुनिया में उपलब्ध है।

स्टडी का दावा है कि इस एरिथ्रिटोल स्वीटनर का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका और यूरोप में 4000 लोगों पर यह रिसर्च किया गया है। इनमें से कुछ लोग ऐसे थे जिन्हें पहले से हार्ट संबंधी बीमारियों को लेकर खतरा ज्यादा था। शोधकर्ताओं ने इस स्वीटनर के शरीर में पहुंचने के बाद होने वाले असर का बारीकी से अध्ययन किया।

रिसर्चरों ने बताया कि शोध के नतीजों में पता चला कि Erythritol ने प्लेटलेट्स को आसानी से एक्टिवेट किया और खून के थक्के बन गए। एरिथ्रिटोल जैसे स्वीटनर्स हाल के वर्षों में काफी पॉपुलर हुए हैं लेकिन इस दिशा में और गहराई से रिसर्च करने की जरूरत है। क्लीवलैंड क्लिनिक में रिसर्च इंस्टिट्यूट के एमडी और चेयरमैन, शोध के लेखक स्टैनली हेजन ने कहा, 'यह समझना जरूरी है कि चीनी की जगह इस 'कृत्रिम चीनी' का सेवन करने से आगे चलकर क्या असर पड़ता ।'

एरिथ्रिटोल, शुगर की तरह ही करीब 70 प्रतिशत तक मीठा होता है और इसे कॉर्न के फर्मेंटेशन से तैयार किया जाता है। शरीर में जाने के बाद यह पेशाब से बाहर निकलता है। मुख्य रूप से स्टडी में इस तरह की कृत्रिम चीनी से क्लॉट के रिस्क के बारे में आगाह किया गया है।

फोर्टिस सी-डॉक के चेयरमैन डॉ. अनूप मिश्रा ने कहा कि हम हमेशा मरीजों को सलाह देते हैं कि वे सीमित मात्रा में इन आर्टिफिशल स्वीटनर का उपयोग करें। लेकिन इस स्टडी के बाद अब स्वीटनर न लेने की सलाह दी जाएगी।