कोलकाता
पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के लिए नींव डाले जाने पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत की प्रतिक्रिया है। मोहन भागवत ने कहा कि यह एक सियासी साजिश है। बाबरी मस्जिद फिर से बनाने का विवाद वोटों के लिए खड़ा किया जा रहा है। मोहन भागवत ने कहा कि इससे ना तो हिंदुओं का भला होने वाला है और ना ही मुसलमानों का। गौरतलब है कि टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान किया है।
मोहन भागवत से पूछा गया कि क्या सरकारी पैसे धार्मिक स्थल का निर्माण करना ठीक है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार को मंदिर या कोई भी धार्मिक स्थल नहीं बनाना चाहिए। यही नियम है। उन्होंने कहाकि सोमनाथ मंदिर बनाया गया था। उस समय सरदार वल्लभभाई पटेल गृहमंत्री थे। राष्ट्रपति भी उद्धाटन समारोह में शामिल हुए थे। लेकिन इसमें सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं हुआ था। आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि राम मंदिर भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बनाया गया था। सरकार से ट्रस्ट बनाने के लिए कहा गया था और उन्होंने वैसा ही किया। सरकार ने पैसा नहीं दिया था, बल्कि हम लोगों ने सहयोग से धन जुटाया था।
इससे पहले विहिप ने कहा था कि मुर्शिदाबाद में अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद का निर्माण करना भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत अपराध है। साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार से निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि छह दिसंबर को, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के निलंबित नेता कबीर ने मुर्शिदाबाद जिले के रेजिनगर में अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनाई जाने वाली मस्जिद की आधारशिला रखी। इससे अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले से ही ध्रुवीकृत पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया।
