राहुल–अखिलेश पर आचार्य प्रमोद कृष्णम का तीखा हमला, बोले— विपक्ष भारत को बांग्लादेश बनाना चाहता है

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हापुड़ 
हापुड़ में एक कार्यक्रम में आचार्य प्रमोद कृष्णम पहुंचे। यहां उन्होंने राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। ब्रजघाट में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर सलाह दी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। आचार्य प्रमोद ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि वे बिना वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों का विरोध करते हैं और देश को अस्थिर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

‘हिजाब विवाद पर CM का किया बचाव’
बिहार के हिजाब विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री राज्य के अभिभावक होते हैं, पिता की तरह। अगर कोई पिता अपनी बेटी से मिलते समय भी बहुत ज्यादा औपचारिकता बरते, तो पिता-बेटी के रिश्ते की पवित्रता खराब होती है। एक पिता के तौर पर नीतीश कुमार ने बस अपनी बेटी का घूंघट छुआ या ठीक किया। इस पर हंगामा करने की कोई जरूरत नहीं है।’ उन्होंने इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से तूल दिए जाने की आलोचना की और कहा कि ऐसे विवाद राजनीतिक लाभ के लिए उछाले जाते हैं।
 
मस्जिद और चर्च से नहीं कोई आपत्ति
मस्जिद और चर्च निर्माण के मुद्दे पर बोलते हुए आचार्य प्रमोद ने स्पष्ट किया कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमें मस्जिद या चर्च बनने से कभी कोई आपत्ति नहीं रही है। पहले से ही हजारों मस्जिदें हैं। एक और बनने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि, मस्जिद हमलावरों या लुटेरों के नाम पर नहीं बननी चाहिए।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि धार्मिक स्थलों का निर्माण शांतिपूर्ण उद्देश्यों से होना चाहिए, न कि ऐतिहासिक आक्रांताओं के नाम पर। भारत में विविधता बनाए रखना जरूरी है।

गैरजिम्मेदाराना बयान न दे विपक्ष
कोडीन कफ सिरप मामले पर अखिलेश यादव के बयान की प्रतिक्रिया में आचार्य प्रमोद ने सपा प्रमुख को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘अखिलेश यादव एक पढ़े-लिखे और काबिल इंसान हैं। हालांकि, राहुल गांधी के नेतृत्व में आने के बाद से उन्होंने भी बेतुके और गैर-जिम्मेदाराना बयान देना शुरू कर दिया है। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी का असर अखिलेश यादव के सिर पर चढ़ गया है। 2027 के चुनाव आ रहे हैं, और अखिलेश यादव को भारतीय लोकतंत्र की गरिमा को समझते हुए उनकी तैयारी करनी चाहिए और समाजवादी विचारधारा को ज़िम्मेदार और सही तरीके से पेश करना चाहिए।’

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