पेरिस एयर शो के दौरान हैरानी वाला वाकया, इजरायली हथियारों की प्रदर्शनी पर प्रतिबंध

फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित पेरिस एयर शो के दौरान एक हैरान करने वाला वाकया हुआ है। पेरिस एयर शो (16 से 22 जून) के दौरान इजरायली हथियारों की प्रदर्शनी पर प्रतिबंध लगा दिए गये थे। यानि एयरशो के दौरान इजरायली डिफेंस इंडस्ट्री के खिलाफ बड़ा फैसला लिया गया थे, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये फ्रांस का डर है? क्या इजरायली हथियारों की शक्ति और उनकी टेक्नोलॉजी ने फ्रांस को परेशान कर दिया है? इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजरायली हथियारों की सार्वजनिक प्रदर्शनी को रोकने का मतलब है कि इजरायली हथियारों की टेक्नोलॉजी और वैश्विक हथियार खिलाड़ियों के बीच का अंतर उजागर हो गया है। फ्रांसीसी मीडिया ने कहा है कि यह दिखाता है कि फ्रांस अब इजरायल की रक्षा टेक्नोलॉजी से बाजार में असली चुनौती महसूस कर रहा है।
हालांकि फ्रांस के पास डसॉल्ट और थेल्स जैसी बड़ी हथियार बनाने वाली दशकों पुरानी कंपनियां हैं, जिन्होंने टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन में शानदार काम किए हैं। इन कंपनियों ने कई बड़े डिफेंस प्लेटफॉर्म बनाए हैं जबकि इजरायल ने फ्रांस से बिल्कुल अलग रास्ते पर चलने का फैसला किया। फ्रांस जहां भारी भरकम हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा था, वहीं इजरायल ने काफी तेज, चुस्त और कम लागतवाले, मगर बेहद सटीक हमले करने वाले हथियारों को बनाने की दिशा में काम किया। जिसकी बदौलत आज की तारीख में इजरायल के पास कई बेहद एडवांस और सटीक हमले करने वाले हथियार हैं।
फ्रांस में इजरायली हथियारों की प्रदर्शनी पर रोक
आपको बता दें कि फ्रांस ने पेरिस एयरशो में मुख्य इजरायली कंपनी के स्टैंड को बंद कर दिया था। इसके पीछे फ्रांस ने दलील देते हुए कहा था कि इजरायली कंपनी ने प्रदर्शन से हमलावर हथियारों को हटाने से इनकार कर दिया था। लेकिन फ्रांस के फैसले ने इजरायल के गुस्से को भड़का दिया है और इजरायल की तरफ से काफी तीखी प्रतिक्रिया दी गई है। पेरिस एयर शो को दुनिया का सबसे बड़ा एविएशन मेला माना जाता है और उसमें इजरायली हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक इजरायल के लिए बहुत बड़ा झटका है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली रक्षा कंपनियां जैसे, एलबिट सिस्टम्स स्टैंड, रफायल, IAI और Uvision को दुनिया के सबसे बड़े विमानन व्यापार मेले की शुरुआत से पहले ही बंद कर दिया गया था। हालांकि इस दौरान कुछ छोटे इजरायली हथियार स्टैंड खुले थे, लेकिन उनमें प्रदर्शन के लिए हार्डवेयर नहीं था। इसके अलावा इजरायली रक्षा मंत्रालय का स्टैंड भी खुला था।
आपको बता दें कि फ्रांस और इजरायल लंबे समय से सहयोगी रहे हैं, लेकिन गाजा में इजरायली हमलों की फ्रांस ने लगातार आलोचना और गहरी निंदा की है। फ्रांस गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ और भी सख्त रूख अपनाता जा रहा है, जिसने बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार को असहज कर दिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले हफ्ते इजरायल के ‘रक्षा करने के अधिकार’ पर सवाल उठाए थे और ईरान पर हमले के खिलाफ बयान दिया था। वहीं इजरायली हथियारों की प्रदर्शनी पर लगी रोक को लेकर फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रेंकोइस बायरू के कार्यालय ने कहा था कि फ्रांस ने एयर शो से पहले सभी प्रदर्शकों को बता दिया था कि आक्रामक हथियारों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा और पेरिस में इजरायल के दूतावास ने इस पर सहमति जताई है। इसमें कहा गया कि “यदि कंपनियां इसका पालन करती हैं तो वे अपने प्रदर्शन फिर से शुरू कर सकती हैं।”
लेकिन इजरायली डिफेंस एक्सपर्ट टेकले मेकोनेन ने फ्रांस के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इजरायल की रक्षा तकनीक की सफलता सिर्फ युद्ध में नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था में भी झलकती है। देश के रक्षा उद्योग से हर साल अरबों डॉलर की आमदनी होती है, हजारों इंजीनियरों को रोजगार मिलता है और इजरायल का इनोवेशन भी लगातार नई ऊंचाइयों तक पहुंच रही हैं। यही वजह है कि अफ्रीका, एशिया और खाड़ी के देश अब फ्रांस जैसे पुराने हथियार आपूर्तिकर्ताओं की तुलना में इजरायली प्रणालियों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और यही वजह है कि फ्रांस, इजरायल से डर रहा है और इजरायली हथियारों की प्रदर्शनी रोक रहा है।

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