नॉर्थ पोल उड़ान से पहले कैप्टन जोया का जोश: बोलीं—इतिहास रचने जा रहे हैं, कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेंगे

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नईदिल्ली 
एअर इंडिया की महिला पायलटों की टीम नॉर्थ पोल के ऊपर से उड़ान भरकर जल्द ही इतिहास रचने जा रही है. इस टीम की अगुआई करेंगी कैप्टन जोया अग्रवाल जो अपनी इस नई यात्रा को लेकर बेहद रोमांचित हैं.

कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा, “मैं इतिहास रचने का इंतजार कर रही हूं. मैं बेहद उत्साहित हूं!” इन शब्दों के साथ जोया उस विशेष क्लब का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं जो एक नया मकाम हासिल करने जा रही है.

आसमान में अपने सपनों की उड़ान भरने वाली कैप्टन जोया अग्रवाल जल्द ही एक और उपलब्धि हासिल कर लेंगी, क्योंकि वे एक महिला पायलटों की टीम का नेतृत्व करेंगी. ये उड़ान अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर से चलेगी और उत्तरी ध्रुव से होते हुए नॉनस्टॉप बेंगलुरु पहुंचेगी. स्थानीय समय के मुताबिक ये यात्रा 9 जनवरी 2021 को रात 8.30 बजे शुरू होगी.

“हम वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहे” 
उड़ान भरने से कुछ घंटे पहले कैप्टन जोया ने कहा, “कल हम कई तरह के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं. इसके बारे में सोचकर मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं.”

कॉकपिट में कैप्टन जोया के साथ कैप्टन थनमई पपागड़ी, कैप्टन आकांशा सोनावड़े और कैप्टन शिवानी मन्हास द्वारा शामिल होंगी. साथ ही एयर इंडिया में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (Flight Safety) कैप्टन निवेदिता भसीन भी इस फ्लाइट से यात्रा करेंगी.

नॉर्थ पोल क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरने के बारे में जोया कहती हैं, “हम पिछले साल ही ऐसा करने वाले थे, लेकिन दुर्भाग्य से खराब मौसम के चलते ऐसा नहीं हो सका. लंबे समय से ये बहुत से लोगों के लिए एक सपना है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि कल हम इस सपने को एक हकीकत में बदल देंगे.”

जोया ने बताया, “ध्रुवीय उड़ान पहले भी भरी गई है, लेकिन यह पहली बार है जब हमारे पास चालक दल में सभी महिलाएं हैं. ‘भारत की बेटियां’ अमेरिका की सिलिकॉन वैली से भारत की सिलिकॉन वैली तक उड़ान भरेंगी!”

जोया ने आगे कहा, “अब तक हम लंबी उड़ानों का संचालन करते रहे हैं, लेकिन वे उड़ानें अटलांटिक महासागर या प्रशांत महासागर के ऊपर से गुजरती हैं और वापस आ जाती हैं. ये उड़ान खासतौर से अलग है क्योंकि आप उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरेंगे. उत्तरी ध्रुव कितने लोगों ने देखा है? मैं खुद को भाग्यशाही मानती हूं कि मैं हवाई जहाज की कमान संभालूंगी और ऊपर से उत्तरी ध्रुव को देखते हुए दूसरी तरफ आऊंगी. यह उड़ान विमानन के इतिहास में एक नया अध्याय बनने जा रही है.”

ऐतिहासिक उड़ान की सभी सीटें बुक
लगभग 17 घंटे की उड़ान के बारे में कैप्टन जोया कहती हैं कि यह उतनी ही तेज उड़ान है जितना की संभव है. उन्होंने कहा, “ये दुनिया के दो विपरीत बिंदुओं को जोड़ने के लिए संभव सबसे तेज रूट है. यह निश्चित रूप से दुनिया की सबसे लंबी उड़ानों में से एक है और तब भी इसमें अटलांटिक महासागर या प्रशांत क्षेत्र से होकर समान दूरी की उड़ान की तुलना में कम ईंधन का इस्तेमाल होने वाला है.”

इस ऐतिहासिक उड़ान के लिए एयर इंडिया का बोइंग 777-200LR विमान का इस्तेमाल किया जाना है जिसमें सीट क्षमता 238 की है. एयर इंडिया ने इंडिया टुडे को बताया कि ये सभी सीटें बुक हो चुकी हैं.

कैप्टन जोया ने कहा, “बोइंग 777-200LR एक अहम हवाई जहाज है. अगर आप पृथ्वी ग्रह को देखते हैं और ग्लोब पर कोई दो बिंदु दिखाई देता है तो ये हवाई जहाज उन्हें जोड़ने में सक्षम है.” कैप्टन जोया एक कुशल पायलट हैं जिन्हें 8,000 घंटे से ज्यादा उड़ान भरने का अनुभव है. इसके अलावा उन्हें बोइंग B777 विमान में 10 साल से ज्यादा कमांड का अनुभव है जिसमें 2,500 से ज्यादा फ्लाइंग आवर शामिल हैं.

अपनी अब तक की यात्रा के बारे में जोया कहती हैं, “जब मैं एयर इंडिया में शामिल हुई, महिला पायलटों की संख्या मुट्ठी भर थी जिनमें से मैं भी एक थी. हर कोई मुझे एक बच्चे की तरह देखता था, लेकिन सब लोग बहुत मददगार थे. बहरहाल, यह एक पुरुष-प्रधान क्षेत्र है. खुद को एक महिला पायलट के रूप में नहीं, बल्कि एक पायलट के रूप में कड़ी मेहनत करनी होती है, क्योंकि यह एक बहुत ही जिम्मेदारी का काम है.”

“तब मां रो पड़ी थीं”
जोया अपने माता-पिता की एकमात्र संतान हैं. वे याद करती हैं कि कैसे उनकी मां डर के मारे रो पड़ी थीं जब उन्होंने घर पर पहली बार ये बताया था कि वे पायलट बनना चाहती हैं. लेकिन जल्दी ही ये सब बदल गया. चेहरे पर मुस्कान लाते हुए जोया याद करती हैं, “मैं पिछले 8 वर्षों से उड़ान भर रही हूं और ये एक शानदार यात्रा है. 2013 में जब मैं कैप्टन बनी, तब मेरी मां फिर से रो पड़ीं लेकिन इस बार वे खुशी से रोई थीं.”

तो क्या युवा लड़कियों के लिए जोया का संदेश है कि वे अपनी इच्छाओं को आसमान में उड़ने दें? कैप्टन जोया कहती हैं, “एक महिला को सपने देखने और जो कुछ भी वह चाहती है उसे हासिल करने में सक्षम होना चाहिए. कोई भी सपना ऐसा नहीं है जो नामुमकिन हो.”

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