नई दिल्ली
सरकारी कर्मचारियों के लिए काम की खबर है। केंद्र सरकार की एक्स-सर्विसमेन कॉन्ट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ECHS) ने इलाज के कीमतों में बड़ा बदलाव किया है। 15 दिसंबर से सभी अस्पतालों और लाभार्थियों के लिए नई CGHS पैकेज दरें लागू होंगी।इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अक्टूबर में ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इस फैसले से लाखों पूर्व सैनिक परिवारों को फायदा मिलेगा। सर्विस पेंशनर्स और अन्य पात्र लाभार्थियों को कैशलेस इलाज की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी।लेकिन अगर इलाज किसी गैर-एम्पैनल्ड निजी अस्पताल में होता है, तो दावा केवल Non-NABH दरों के आधार पर ही स्वीकार किया जाएगा।इस फैसले से हर मरीज को पता रहेगा कि किस शहर और अस्पताल में कितना खर्च तय है।
आईए जानते है CGHS की नई दरों से क्या लाभ मिलेगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 दिसंबर से ECHS के सभी संबद्ध अस्पतालों में इलाज और लाभार्थियों द्वारा किए गए रीइम्बर्समेंट क्लेम नई CGHS दरों पर किया जाएगा। नई दरों की लिस्ट में सेमी-प्राइवेट वार्ड को आधार माना गया है और यह लिस्ट ECHS की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इसके अलावा सर्विस पेंशनरों और अन्य अधिकृत कैटेगरी को पहले की तरह कैशलेस इलाज मिलता रहेगा।
अस्पताल की मान्यता के अनुसार NABH/NABL मान्यता प्राप्त अस्पतालों में दरें अधिक होंगी। गैर-मान्यता प्राप्त (Non-NABH/NABL) अस्पतालों पर कम admissible rate लागू होगा।
जिन अस्पतालों के पास क्वालिटी की मान्यता नहीं है, उन्हें पहले से 15% कम और बड़े व उन्नत अस्पतालों को 15% ज्यादा पैसे मिलेंगे।
पूर्वोत्तर क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को Tier-2 में रखा गया है। दिल्ली, गुवाहाटी या किसी छोटे शहर व हर जगह इलाज का दाम अलग रहेगा। वार्ड के आधार पर रेट्स में भी बदलाव होगा।जनरल वार्ड वाले मरीज को 5% कम दाम
,सेमी-प्राइवेट को सामान्य और प्राइवेट वार्ड को 5% ज्यादा दाम मिलेगा।
ओपीडी, कुछ खास इलाज, जाँच और डे-केयर जैसी सेवाओं के दाम सभी के लिए एक जैसे रहेंगे।
कैंसर सर्जरी के लिए पुराने CGHS नियम ही लागू रहेंगे लेकिन कीमोथेरेपी, जांच और रेडियोथेरेपी पर नई दरें लागू होंगी। अगर किसी वजह से मरीज को गैर-एम्पैनल्ड प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है, तो रीइम्बर्समेंट केवल संबंधित शहर की Non-NABH दरों तक ही मिलेगा।
अस्पतालों के लिए MoA नवीनीकरण अनिवार्य
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 दिसंबर से नई दरों के लागू होते ही सभी प्राइवेट संबद्ध अस्पतालों को एमओए (Memorandum of Agreement) फिर से नवीनीकृत कराना होगा।
अस्पतालों को 15 दिसंबर से पहले एक अंडरटेकिंग जमा करनी होगी कि वे नई दरों और नियमों को स्वीकार करते हैं।
अंडरटेकिंग समय पर जमा ना करने पर डिपैनल्ड यानी लिस्ट से हटाया हुआ माना जाएगा।
अस्पतालों को ECHS के ऑनलाइन हॉस्पिटल एम्पैनलमेंट मॉड्यूल के माध्यम से नया MoA शुरू करना होगा।
नई दरें लागू होने की तारीख से 90 दिनों के भीतर नया MoA अपडेट करना अनिवार्य है।
ECHS के सभी लाभार्थियों के लिए इलाज और रीइम्बर्समेंट के नियम नई CGHS दरों के अनुसार तय होंगे।
ECHS: कैसे तय होंगी नई दरें
ECHS ने दरों की गणना का फॉर्मूला भी स्पष्ट किया है। उदाहरण के तौर पर, A पैकेज की मूल कीमत है, तो जनरल वार्ड A पर 5%, सेमी प्रायवेट वार्ड पर A, प्राइवेट वार्ड पर A + 5% हिसाब से बिल अस्पताल मरीज के ECHS कार्ड पर लिखी वार्ड एंटाइटलमेंट के अनुसार तैयार किया जाएगा।
