वाशिंगटन
वेनेजुएला से ड्रग्स के अमेरिका आने के खिलाफ अभियान चला रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। यह पूरा मामला 2 सितंबर को एक नाव पर अमेरिकी हमले के साथ शुरू हुआ। अमेरिका सरकार के मुताबिक इस नाव पर ड्रग्स लदे हुए थे और वह अमेरिका आ रही थी। लेकिन अब इस मामले पर सामने आई नई रिपोर्ट के मुताबिक वह नाव अमेरिका आ ही नहीं रही थी, जिस पर हमला करके ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट पर पोस्ट किया था।
खबर के मुताबिक, इस ऑपरेशन की कमान संभालने वाले एडमिरल ने सीनेटर्स को बताया कि यह नाव एक बड़े जहाज की तरफ जा रही थी, जो कि दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम की तरफ जा रहा था। गौरतलब है कि अमेरिकी नौसेना की तरफ से किए गए इस हमले में नाव पर सवार 11 लोग मारे गए थे।
ट्रंप ने इस स्ट्राइक का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा था, ‘यह स्ट्राइक तब की गई जब वेनेज़ुएला से आए ये पुख्ता तौर पर पहचान लिए गए नर्को-टेररिस्ट अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में ड्रग्स (जो अमेरिकियों को मारने वाला ज़हर है!) अमेरिका की ओर ले जा रहे थे। ये हिंसक ड्रग-तस्कर कार्टेल अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और महत्वपूर्ण अमेरिकी हितों के लिए खतरा हैं। स्ट्राइक में 3 पुरुष आतंकवादी मारे गए।’ रिपोर्ट के मुताबिक, एडमिरल ने बताया कि नाव दूसरे जहाज की तरफ जा रही थी, लेकिन नौसेना उसका पता नहीं लगा सकी। हालांकि, इस बात की संभावना है कि नाव सूरीनाम से अमेरिका की तरफ जा सकती थी, लेकिन सामान्यता सूरीनाम से जाने वाले ड्रग्स के रास्ते यूरोप की तरफ जाते हैं।
ट्रंप और हेगसेथ पर दबाव
इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद रक्षा सचिव पीट हेगसेथ की भूमिका अब जांच के दायरे में आ गई है। क्योंकि उन्होंने ही इस नाव को उड़ाने का आदेश दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, एडमिरल ने सांसदों को बताया कि उसके समझ के मुताबिक मिशन का लक्ष्य सभी 11 लोगों को मारना और नाव को डुबो देना था। इस कारण हेगसेथ पर अब “पूरी वीडियो फुटेज जारी करने” का भारी दबाव बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि हेगसेथ इस समय सिग्नल चैट के माध्यम से अमेरिका सैनिकों की लोकेशन को हूती विद्रोहियों के सामने सार्वजनिक करने के आरोप का भी सामना कर रहे हैं। ऐसे में इस मामले के खुलासे ने उनकी परेशानियों को बढ़ा दिया है।
